मर्कज़ी महसूलात में रियासतों की हिस्सेदारी में इज़ाफ़ा ज़रूरी

नई दिल्ली

मौजूदा 32 फ़ीसद को बढ़ा कर 42 फ़ीसद करदेने फाइनेंस कमीशन की सिफ़ारिश

फाइनेंस कमीशन ने तजवीज़ रखी है कि मर्कज़ी महसूलात में रियासतों की हिस्सेदारी को मौजूदा 32 फ़ीसद से बढ़ा कर 42 फ़ीसद करदी जाये 14 वीं फाइनेंस कमीशन के रिपोर्ट में रियास्तियों की हिस्सादारी में इज़ाफे की सिफ़ारिश की गई है। रियासतों को साल 2014-15 में 3.48 करोड़ रुपये मिलेंगे और 2015-16 में 5.26 लाख करोड़ हासिल होंगी।

महसूलात की तक़सीम में सब से ज़्यादा फ़ीसद मुक़र्रर करने से रियासतों की मालियात में अज़ीम तर ख़ुद मुखत्यारी हासिल होगी और उस की मदद से वो अपनी ज़रूरीयात और तक़ाज़ों के मुताबिक़ स्कीमात तय्यार करसकेंगी। फाइनेंस कमीशन के जुज़ वक़्ती रुकन अभिजीत सेन ने एक सिफ़ारिशी नोट लिखा है हुकूमत ने टैक्सों की तक़सीम के लिए अक्सरीयती फ़ैसले को क़बूल करलिया है।

वाई वी रेड्डी की ज़ेरे क़ियादत कमीशन के रुकन ने ये भी लिखा है कि हुकूमत को हासिल होने वाले मालिया और मसारिफ़ का तजज़िया करने के बाद कमीशन ने 11 रियासतों के ख़सारा को पूरा करने केलिए 1.94 करोड़ रुपये की ग्रांट की सिफ़ारिश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रियासतों की अक्सरीयत ने मर्कज़ी स्पांसर वाली स्कीमात की तादाद में कमी की भी तजवीज़ रखी है।