मर्कज़ी वज़ीर ( केंद्रीय मंत्री) मिस्टर वीर भद्रा सिंह और उनकी शरीक ए हयात ( पत्नी) पर शिमला की एक ख़ुसूसी अदालत ने करप्शन के 23 साल क़दीम ( पुराना) मुक़द्दमा में साज़िश और करप्शन के इल्ज़ाम में फ़र्द-ए-जुर्म आइद (अभ्यारोपित) की है ।
अदालत ने कहा है कि इनके ख़िलाफ़ काफ़ी सुबूत मौजूद हैं ताकि मुक़द्दमा चलाया जाए । वज़ा इल्ज़ामात के बाद उन के इस्तीफ़ा के मुतालिबे शुरू हो गए हैं। 78 साला वीर भद्रा सिंह मर्कज़ में छोटी माईक्रो और मीडियम सनअतों के वज़ीर हैं।
इन के और इनकी शरीक ए हयात के ख़िलाफ़ साज़िश और इंसिदाद( समाप्ती) करप्शन के मुख़्तलिफ़ दफ़आत के तहत इल्ज़ामात वज़ा किए गए हैं। ख़ुसूसी जज बी एल सोनी ने 6 जून को इस सिलसिला में अपने अहकाम महफ़ूज़ कर लिए थे ।
उन्होंने कहा कि मिस्टर वीर भद्रा सिंह और उन की शरीक ए हयात के ख़िलाफ़ करप्शन के तहत मुक़द्दमा दर्ज करने के लिए वाज़िह सबूत मौजूद है । ये मुक़द्दमा 1989 का है जब मिस्टर सिंह हिमाचल प्रदेश के चीफ मिनिस्टर थे ।
उनके ख़िलाफ़ इल्ज़ामात एक ऑडियो सी डी की बात चीत की बुनियाद पर आइद किए गए हैं जिस में मिस्टर सिंह की एक आई ए एस ओहदेदार मिस्टर महिंदर लाल और कुछ सनअतकारों के माबेन ( बीच) बात चीत रिकार्ड है । बी जे पी ने आज वज़ा इल्ज़ामात ( आरोप लगने) के बाद मिस्टर सिंह से इस्तीफ़ा का मुतालिबा किया है और कहा कि अगर वो मुस्ताफ़ी नहीं होते हैं तो वज़ीर ए आज़म को उन्हें बरतरफ़ ( बर्खास्त) कर देना चाहीए ।