मर जायेंगे लेकिन शरियत में दखलंदाजी नहीं बर्दाश्त करेंगे: असदुद्दीन औवेसी

बुधवार शाम ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के हैदराबाद (AIMIM) मुख्यालय दारुस्सलाम में समान नागरिक संहिता पर चर्चा के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने जनसभा का आयोजन किया |

देर शाम शुरू हुई इस जनसभा को संबोधित किये जाने वाले वक्ताओं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे | जनसभा में महिलाओं के बैठने के लिए अलग से एक व्यवस्था की गयी थी | महिलाओं के लिए सभा की कार्यवाही देखने के लिए एलसीडी स्क्रीन की ‘विशेष व्यवस्था’ की गयी थी |

बुधवार देर रात तक चली इस बैठक को कई धार्मिक नेताओं ने संबोधित किया था | जनसभा में बीच बीच में लोग नारे लगा रहे थे ‘ज़मानात बदलेगा पर क़ुरान नहीं बदलेगा’’, ‘’मर जायेंगे लेकिन शरियत नहीं बदलने देंगे’’ |

सभा में कई सीनियर मुस्लिम नेता मौजूद थे | एआईएमपीएलबी सचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ मुसलमानों के लिए ज़िन्दगी और मौत की बात है |उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अल्लाह’ और पैगंबर मोहम्मद के आदेशों का पालन करने से कोई भी क़ानून नहीं रोक सकता है | मुसलमान मर जायेंगे लेकिन झुकेंगे नहीं |

जमात-ए-इस्लामी के तेलंगाना और ओडिशा इकाई के प्रमुख हामिद मोहम्मद खान, ने कहा कि राजग सरकार सभी मोर्चों पर अपनी विफलताओं को कवर करने के लिए यूसीसी थोपने की कोशिश कर रही है । उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए ये काम कर रहा है | मुस्लिम पर्सनल लॉ में परिवर्तन लाने के प्रयास की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही एक समान आपराधिक कानून है और 99 फीसदी तक नागरिक कानून समान हैं |

एआईएमपीएलबी ने महिला सदस्यों से भी बात की थी। पर्दे में रहते हुए ही अस्मा ज़हरा ने कहा कि शरीयत मुस्लिम मर्दों और महिलाओं के लिए ऑक्सीजन की तरह है और इसमें किसी भी परिस्थिति में बदलाव के लिए हम सहमत नहीं होंगे |उन्होंने कहा कि ये अल्लाह का क़ानून है और पूरी तरह से ह्यूमन नेचर को देखते हुए बनाया गया है |यह अच्छी तरह से संतुलित है और इसमें महिलाओं को सम्मान और गरिमा का दर्जा दिया गया है| हम इससे पूरी तरह सुरक्षित और संतुष्ट हैं | उन्होंने कुछ मुठ्ठी भर लोगों, स्वयंभू मुस्लिम महिलाओं और मीडिया के एक वर्ग का द्वारा शरियत को बदनाम करने की कोशिश कि निंदा की| मुस्लिम बोर्ड की एक अन्य सदस्य, साबिहा सिद्दीकी ने कहा कि सरकार समाज में टकराव पैदा करने में अपना समय और मशीनरी बर्बाद कर रही है |

समान कानून संहिता लागू करने के मुद्दे के खिलाफ अभियान में हैदराबाद सबसे आगे है | राज्य में इमाम और धार्मिक उपदेशकों द्वारा केंद्र में समान नागरिक संहिता लगाने के लिए सरकार के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ एकजुट होने के लिए कहा गया है |

मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ हस्तक्षेप करने के विरोध के लिए विभिन्न संगठनो ने साथ मिलकर महिलाओं और पुरुषों के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था | इस अभियान के तहत मुस्लिम बोर्ड द्वारा निर्धारित एक प्रोफॉर्मा पर पुरुषों और महिलाओं के हस्ताक्षर इकठ्ठा किये गये हैं |

इस प्रोफार्मा को महिलाओं द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है इसमें लिखा है कि “हम अधोहस्ताक्षरीत मुस्लिम महिलाएं घोषणा करती हैं कि हम पूरी तरह से इस्लामिक शरिया, विशेष रूप से निकाह विरासत, तलाक, खुला और फस्ख के सभी फैसलों से संतुष्ट हैं। इनमें किसी भी सुधार की जरूरत है या बदलाव के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। ” प्रोफॉर्मा में ये भी कहा है कि हम शरीयत कानून की हिफाज़त के लिए एआईएमपीएलबी के साथ “मजबूती से खड़े हैं” | ये प्रोफार्मा जनसभा में भी बांटे गये |

आखिरी में असदुद्दीन औवेसी ने सभा को संबोधित किया | अपने एक घंटे के भाषण के दौरान उन्होंने आरएसएस पर बहुत कटाक्ष किये | उन्होंने देश कि आज़ादी में मुसलमानों के योगदान को याद दिलाते हुए कहा कि अंग्रेजों के ख़िलाफ़ हुई लड़ाई में मुसलमान सबसे आगे थे |

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है | उन्होंने कहा कि मोदी अक्सर जनसभा में “जय श्री राम” का नारा लगाते हैं | मैं पूछना चाहता हूँ क्या कोई मुस्लिम प्रधानमंत्री “अल्लाह हू अकबर” का नारा लगा सकता है | मोदी अपनी विदेश यात्रा के दौरान गीता भेंट करके आते हैं | मोदी जी, स्पष्ट रूप से संविधान में लिखा है कि भारत किसी एक धर्म का नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष है |ओवैसी ने आरोप लगाया कि मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था देश की धर्मनिरपेक्षता को नष्ट करना चाहता है|