मलेशीयन एयर लाईन्स को दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कनज़्यूमर फ़ोर्म ने एक ख़ातून को मलेशीया के सफ़र को नाख़ुशगवार कर देने पर बतौर हर्जाना एक लाख रुपये अदा करने की हिदायत की है ।
ख़ातून मलेशीया में अपने रिश्तेदार की शादी में शिरकत के लिए गई थी लेकिन रास्ते में ही इसका सूटकेस जिसमें इसके क़ीमती कपड़े ,ज़ेवर और दीगर ( दूसरे) सामान थे ,कहीं खो गया । नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कनज़्यूमर फ़ोर्म (जिला ग्राहक केंद्र) की एक बंच ने मुंबई की शहरी (निवासी) फ़रह महित को हर्जाना अदा करने की हिदायत की जो मलेशीया के लिए ख़ुशी ख़ुशी रवाना हुई थी लेकिन साज़-ओ-सामान खो जाने से इसकी ख़ुशी ,ग़म-ओ-ग़ुस्सा में तब्दील ( बदल गयी) हो गई क्योंकि फ़रह का पूरा दौरा ही मलियामेट हो गया था ।
इलावा अज़ीं (इसके अतिरिक़्त/ इलावा) इस वाक़िया ( घटना) ने इसे ज़हनी-ओ-जिस्मानी तौर पर शदीद करब में मुब्तिला किया । एयर लाईन्स ने जो क़लील रक़म बतौर जुर्माना पेश की वो फ़रह की तौहीन के मुतरादिफ़ ( बराबर) थी लिहाज़ा फ़ोर्म की नज़र में फ़रह के लिए एक लाख रुपय का हर्जाना मुनासिब है ।
फ़ोर्म के सदर सी के चतुर्वेदी-ओ-अरकान एस आर चौधरी और आशा कुमार ने ये हुक्म सादर (जारी) किया । फ़रह महित ने फ़ोर्म में अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी कि 7 मार्च 2008 को दिल्ली से मलेशीया के सफ़र के दौरान इस का साज़-ओ-सामान खो गया था