हैदराबाद ०५अप्रैल : (सियासत न्यूज़) । मुलक पेट एरिया हॉस्पिटल जिस का मशहूर नाम पुलिस का दवाख़ाना भी है मैं ना सिर्फ बुनियादी सहूलतों का फ़ुक़दान है बल्कि मरीज़ों के साथ दवाख़ाना के अमला का नाज़ेबा सुलूक रिश्वत माँगना एक आम बात बन चुकी है।
मुताल्लिक़ा महिकमा की लापरवाही और हुक्काम की मनमानी ने मरीज़ों की मुश्किलात में इज़ाफ़ा कर दिया है वाज़िह रहे कि मुल़्क पेट एरिया हॉस्पिटल में मुफ़्त तशख़ीस की जाती है और रियास्ती महिकमा-ए-सेहत की जानिब से मुफ़्त अदवियात की तक़सीम भी की जाती है मज़कूरा दवाखाने में टी बी , खांसी बुख़ार एलर्जी दाँतों का दर्द होया फिर दीगर अमराज़ मुफ़्त तशख़ीस और ईलाज की सहूलतों के बलंद बाँग दावे किए जाते हैं मगर हक़ीक़त इस के ख़िलाफ़ ही।
यहां पर हामिला औरतों की भी मुफ़्त तशख़ीस की जाती है पैर और जुमा के रोज़ ऐसे औरतों का चैक आप किया जाता है । अतराफ़ वाकनाफ़ के ग़रीब और मितवा सत तबक़े से ताल्लुक़ रखने वाली मुस्लिम ख़वातीन की कसीर तादाद हुकूमत की सहूलतों से इस्तिफ़ादा उठाने यहां आती हैं । अफ़सोस कि दवाखाने का अमला मज़कूरा ख़वातीन से मुफ़्त तशख़ीस के भी पैसे वसूल करता है मुसीबत के मारे ग़रीब लोग अमले के ग़ैर वाजिबी मुतालिबात को पर ए करते हैं ।
दवाखाने में रजिस्ट्रेशन कार्ड्स ही नदारद हैं रजिस्ट्रेशन कार्ड का ज़ीराक्स बनाकर ख़वातीन में तक़सीम किया गया है जबकि लाखों रुपय दवाखाने में ज़रूरी अशीया की फ़राहमी के लिए मुताल्लिक़ा महिकमा की जानिब से जारी किए जाते हैं इस पर सितम ज़रीफ़ी ये हीका सैंकड़ों ख़वातीन के नामों का इंदिराज मर्द अमला करता है और ख़वातीन के साथ निहायत बदतमीज़ी के साथ गुफ़्तगु की जाती ही।मलिक पेट एरिया हॉस्पिटल में मुफ़्त तशख़ीस की ग़रज़ से आने वाले मरीज़ों को सहूलत फ़राहम करने हुकूमत और मुताल्लिक़ा महिकमा की ज़िम्मेदारी है दवाखाने के हुक्काम हूँ या फिर अमला मुतासबाना रवैय्या रखने के बजाय ख़ुद पर आइद ज़िम्मेदारीयों को समझ ले तो मुम्किन है ग़रीब लोगों की उम्मीदों को बिना किसी रोक टोक के पूरा किया जा सकता है ।