नई दिल्ली: मुबय्यना अदम रवादारी पर लोक सभा में मुनाक़िदा बहस पर हुकूमत के जवाब के दौरान अपोज़िशन के वाक आउट पर तन्क़ीद करते हुए मर्कज़ी वज़ीर राज्य वर्धन राठौड़ ने आज कहा कि अवाम को समझना चाहिए कि आया ये मसला बहस के लिए उठाया गया या रुकावट पैदा करने के लिए।
वज़ीर-ए-ममलकत इत्तेलात व नशरियात ने ज़ोर दिया कि हुकूमत तमाम पार्टीयों बिशमोल कांग्रेस से राबते के लिए कोशां है ताकि जारिया सरमाई सेशन के दौरान शख़्सी अन्ना को बालाए ताक़ रखते हुए कुछ तामीरी काम किया जा सके। वो मीडिया के नुमाइंदों से बातचीत कर रहे थे।
इन्होंने कहा कि रवादारी के मौज़ू पर बहस टीवी चैनलों और अख़बारात के ज़रिये एक माह तक होती रही और इसका दुरुस्त मंतक़ी अंजाम पार्लियामेंट में बहस के ज़रीये बरामद हो सकता था। पार्लियामेंट में हुकूमत ने बहस से इत्तेफ़ाक़ किया और अपोज़िशन ने अपना मारूज़ा पेश किया। लेकिन जब हुकूमत की बारी आई कि हालात पर अपने मौक़िफ़ को पेश करसके, अपोज़िशन ने वाक आउट कर दिया।