हैदराबाद 7 मार्च : शहर और मज़ाफ़ाती इलाक़ों में मौक़ूफ़ा जायदादों पर लैंड ग्रेबर्स और ख़ुद को पहलवान कहलवाने वाले गुंडे बिना किसी हिचकिचाहट के नाजायज़ कब्जे करते जा रहे हैं । सयासी सरपरस्ती के बाइस वक़्फ़ बोर्ड मुजरिमाना तसाहुल का मुज़ाहरा करते हुए कीमती मौक़ूफ़ा जायदादों की तबाही , क़दीम क़ुबूर की बेहुर्मती के वाक़ियात का बड़ी बेबसी और ख़ामुशी के साथ तमाशा देख रहा है ।
क़ारईन ! बेगम बाज़ार ऐसा इलाक़ा है जहां कई क़दीम क़ब्रिस्तान दर्गाहें और मसाजिद वाक़े हैं लेकिन इस इलाक़ा में गैर मुस्लिम पहलवानों की इजाज़त के बगैर एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता । हाँ वो पुलिस की ख़ामुशी और वक़्फ़ बोर्ड की ग़फ़लत का फ़ायदा उठाते हुए मसाजिद और क़ब्रिस्तानों की जमीन पर कब्जे ज़रूर कर सकते हैं ।
22 फरवरी 2012 को हम ने मस्जिद दोस्तुल्लाह बेग (रह), बेगम बाज़ार की जमीन पर नाजायज़ क़ब्ज़ों के बारे में एक मुफ़स्सिल रिपोर्ट पेश की थी और बताया था कि एक गैर मुस्लिम पहलवान जिसे एक रियासती वज़ीर की भरपूर सरपरस्ती हासिल है मस्जिद की जमीन पर अपनी बुरी नज़रें जमाए हुए है ।
बेगम बाज़ार के इलावा दीगर अक्सरीयती इलाक़ों में मौक़ूफ़ा जायदादों पर गैर समाजी अनासिर और पहलवान नुमा गुंडे टूट पड़ रहे हैं उन्हें रोकने की किसी में हिम्मत नहीं बड़ी बेशर्मी और बेहयाई के साथ इस ज़ुल्म और बरबरीयत को बर्दाश्त किया जा रहा है।
मस्जिद दोस्तुल्लाह बेग (रह) बेगम बाज़ार की जमीन पर नाजायज़ कब्जे के बारे में पुलिस की ख़ामुशी के ताल्लुक़ से हम ने पुलिस स्टेशन शाह इनायत गंज के इन्सपेक्टर पी सत्या से बात की ।
उन्हों ने बताया कि कोई शिकायत मौसूल नहीं हुई जब कि वक़्फ़ बोर्ड का कहना है कि इस सिलसिला में हम ने डी सी पी , एस सी पी और इन्सपेक्टर शाह इनायत गंज को बाजाब्ता तौर पर शिकायत पेश की है । मुक़ामी नौजवानों ने भी बताया कि उन लोगों ने पुलिस से शिकायत की है ।
इन्सपेक्टर पुलिस से बात-चीत के दौरान हमें ऐसा लगा कि वो भी रियासती वज़ीर के ज़ेरे असर हैं । वाज़ेह रहे कि मस्जिद की दीवार से जुमला 6 डिब्बे लगे हुए हैं जिन में से 2 का किराया मस्जिद को हासिल होता है जब कि 4 डिब्बों का किराया पहलवान हज़म कर जा रहा है ।
अब सवाल ये पैदा होता है कि वो किस हैसियत से इन डिब्बों का किराया वसूल कर रहा है । पहलवान और रियासती वज़ीर के सामने वक़्फ़ बोर्ड इस क़दर बेबस है कि वो इस मुआमला में एफ आई आर दर्ज करवाने से तक क़ासिर है ।
चंद मुक़ामी अफ़राद का कहना है कि फ़िर्कावाराना लिहाज़ से बेगम बाज़ार इंतिहाई हस्सास बिन गया है और पहलवानों की इजाज़त के बगैर कोई यहां कुछ नहीं कर सकता। (नुमाइंदा खुसूसी)