बीस से तीस साल उम्र के ज़मुरा(वर्ग/category) के ब्रिटिश महंगाई से परेशान होकर खर्च पूरा करने के लिए हर मुम्किन कदम उठाने तैयार हो गए हैं जिनमें बालों की बिक्री, आग़ोश का रक़सावर भुखमरी तक शामिल हैं।
दो हजार से ज्यादा नौजवान ब्रिटिश सहित गरेजवैटस, बैरोज़गारों, तुर्की तालीम करने वालों से सर्वे करने पर जो इदारा(कंपनी) बराए तिजारती इंतिज़ामीया ने किया पता चला कि 22 फ़ीसद अफ़राद (लोगो)ने कहा कि कई लोगों ने एक वक़्त का खाना तर्ककर(छोड़) दिया है।
3 फ़ीसद ने कहा कि बाअज़ अफ़राद(लोगो) ने बाल फ़रोख़त(बिक्री ) किए हैं। 10 फ़ीसद ने कहा कि बाअज़ अफ़राद(लोगो) कुछ लोग ड्रग के कारोबार में शामिल हो गए हैं। 8 फ़ीसद ने खुलासा किया कि कई लोग सेक्स उद्योग में काम कर रहे हैं। 4 फ़ीसद ने बताया कि बाअज़ लोगों ने फ़र्ज़ी इंशोरंस क्लेम दाख़िल किया है।