महाराष्ट्र में मुसलमानों को तालीम और रोज़गार में तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने हुकूमत के फ़ैसले पर बी जे पी ने शदीद तन्क़ीद की है हालाँकि इस ने रियासत में मरहट्टा अवाम को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की हिमायत की है।
महाराष्ट्र में जारिया साल असेंबली इंतिख़ाबात होने वाले हैं। महाराष्ट्र क़ानूनसाज़ कौंसिल में क़ाइद अपोज़ीशन विनोद तावड़े ने मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की तजवीज़ पर कहा कि हम मज़हबी बुनियादों पर तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की ताईद नहीं करते और दस्तूर में भी उस की इजाज़त नहीं है।
उन्होंने कहा कि जहां तक मरहट्टा अवाम को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने की बात है हम उसकी मुख़ालिफ़त नहीं करते क्योंकि इसके नतीजा में ग़रीब अवाम को फ़ायदा होगा ताहम इस से मौजूदा ओ बी सी तहफ़्फुज़ात के ढांचा को नुक़्सान नहीं पहूंचना चाहिए।
एक प्रेस कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए तावड़े ने एन सी पी सरबराह शरद पवार को भी इस मसला पर तन्क़ीद की और कहा कि पवार रोज़ 7 ता 8 घंटे इजलास कर रहे हैं और उन्होंने कंट्रोल हासिल करलिया है। वो जानते हैं कि इक़तिदार उनके हाथ से जा रहा है इस लिए वो फ़िर्कावाराना कार्ड इस्तिमाल कर रहे हैं।
ये क़ियास आराईयां चल रही हैं कि हुकूमत महाराष्ट्र मराठा बिरादरी के लिए 20 फ़ीसद कोटा का ऐलान करेगी जिस में मुसलमानों के लिए 4.5 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात रहेंगे। महाराष्ट्र की आबादी में दस फ़ीसद से ज़्यादा मुसलमान हैं। ताहम रियासती हुकूमत ने इस ताल्लुक़ से अभी कोई फ़ैसला नहीं किया है।
चूँकि महाराष्ट्र में माह अक्टूबर में असेंबली इंतिख़ाबात होसकते हैं इस लिए कोटा के इक़दाम को अहमियत हासिल होगई है।