मांझी पर जनता दरबार में फेंका जूता

बिहार के वज़ीर ए आला जीतनराम मांझी पर पीर के रोज़ यहां मुनाकिद जनता दरबार में एक शख्स ने जूता फेंक दिया, हालांकि जूता उनको लगा नहीं। वाकिया के फौरन बाद उस शख्स को दबोच लिया गया और उससे पूछताछ की जा रही है। यह वाकिया पीर की सुबह उस वक्त हुई जब रियासत की दारुल हुकूमत वाके वज़ीर ए आला के रिहायशगाह में जनता दरबार लगाकर मांझी लोगों की परेशानियां सुन रहे थे। गिरफ्तार किए गए नौजवान का कहना है कि यह जनता दरबार महज कागजी है।

जूता फेंकने वाले शख्स की पहचान पुलिस ने छतरा के साकिन अमितेश के तौर पर की है। उसने मुबय्यना तौर पर जाति की सियासतबाज़ी को बढावा देने का इल्ज़ाम लगाया। जब नौजवान को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वह जोर से चिल्ला रहा था कि मैं जनता दरबार में पिछले दो साल से आ रहा हूं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।

साथ ही उसने लीडरों पर दलितों और पिछडों के नाम पर सियासतबाज़ी का इल्ज़ाम भी लगाया। मांझी अपने मुतनाज़ा बयानों को लेकर हमेशा से चर्चा में रहे हैं। इसके अलावा अपने ही दामाद को पर्सनल असिस्टेंट बनाने को लेकर भी मसला पैदा हुआ था, जिसके बाद अपने दामाद को उस ओहदा से हटा दिया था।