माउस्टों से मुतास्सिरा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की इंतिख़ाबी मुहिम में शिद्दत

छत्तीसगढ़ के बेश्तर ख़ित्ता में जहां नकसलाईटस का बोल बाला है, वहां कांग्रेस ने बी जे पी को मात देने केलिए अपनी इंतिख़ाबी मुहिम में शिद्दत पैदा करने का फ़ैसला किया है जबकि दूसरी तरफ़ पार्टी अपने तरक़्कियाती एजंडे का इस्तिमाल करते हुए वज़ीर-ए-आला रमन सिंह की साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ शबीहा को लेकर भी इस मुआमला पर सियासत करने की ख़ाहिश‌ है।

यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि माउस्टों से मुतास्सिरा इलाक़ों में एसेंबली इंतिख़ाबात के पहले मरहला का आग़ाज़ 11 नवंबर से होगा जबकि कांग्रेस इस कबायली इलाक़ा में वापसी के लिए बेचैन है। एक ज़माना था कि यहां कांग्रेस की ही हुक्मरानी थी लेकिन गुजिश्ता दो इंतिख़ाबात के दौरान कांग्रेस के हाथ से ये क़बाइली इलाक़ा निकल कर बी जे पी के हाथ में चला गया।

रमन सिंह ने बेश्तर डिस्ट्रिक्ट के हैड क्वार्टर्स जगदाल पर में एक रोड शो का एहतिमाम किया जहां ख्वातीन की एक कसीर तादाद हाथों में लालटेन लिए उनका इस्तिक़बाल करने मौजूद थीं जबकि रमन सिंह के क़ाफ़िले के पीछे नौजवानों की एक कसीर तादाद मोटर साईकलों पर सवार उनके साथ साथ चल रही थी और विकास पुरूष की ताईद में नारेबाज़ी भी कररही थी।

रोड शो में अवाम की कसीर तादाद से ख़िताब करते हुए रमन सिंह ने कहा कि हम ने रियासत के लिए बहुत कुछ किया है और अब भी बहुत कुछ करने का इरादा रखते हैं लेकिन सब से पहले आप को ये यकीन‌ देना पड़ेगा कि इलेक्शन के रोज़ अवाम की कसीर तादाद अपने मकानात से बाहर आए अर ई वे ऐम (इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर हमारी ताईद करे।

यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि नक्सलाईटस के ख़ौफ़ की वजह से अवाम इलेक्शन के रोज़ अपने मकानात से बाहर निकलने पस-ओ-पेश का शिकार हैं क्योंकि नक्सलाईटस ने तमाम देहातियों को इंतिख़ाबात का बाईकॉट करने का इंतिबाह दिया है और उन्हें डर है कि अगर वो अपने मकानात से बाहर निकले तो उन्हें हलाक ना कर दिया जाये।

इस लिए रमन सिंह भी बार बार यही इसरार कररहे हैं कि गाव‌ हो या शहर। हर शहरी को अपने हक़ राय दही का इस्तिमाल करना चाहिए क्योंकि इसके ज़रिया वो अपनी पसंदीदा हुकूमत का इंतिख़ाब कर सकते हैं और नापसंदीदा हुकूमत से नजात हासिल करसकते हैं।