केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि यदि माओवादी बिना शर्त हिंसा छोड़ दें तो केंद्र उनसे बातचीत करने को तैयार है।
सिंह ने ओड़िशा में वाम चरमपंथ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के बाद माओवाद प्रभावित इस जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनसे :माओवादियों: अपील करना चाहता हूं कि हिंसा का मार्ग छोड़ दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं..यदि वे बिना किसी शर्त के हिंसा छोड़ देते हैं तो सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार है।’’ उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। सिंह एक दिन के दौरे पर यहां पर हैं। उन्होंने कहा कि माओवादियों को हथियार छोड़कर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास योजनाएं शुरू की हैं तथा माओवादियों को हथियार छोड़कर इन कार्यक्रमों के लाभ उठाने चाहिए।
सिंह ने झारखंड और छत्तीसगढ़ में पुलिस कार्रवाई का बचाव किया जहां कुछ माओवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल अक्सर आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करने को मजबूर होते हैं और इस प्रक्रिया में नक्सली मारे जाते हैं।
उन्होंने माओवादियों के खिलाफ अभियान में ओड़िशा सरकार, राज्य पुलिस, प्रशासन और अर्धसैनिक बलों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए अधिकारियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘वे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’’ गृह मंत्री ने माओवादियों के खिलाफ अभियान की समीक्षा करने के लिए राज्य पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की दो घंटे बैठक ली।
सूत्रों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों झारखंड और छत्तीसगढ़ में वाम चरमपंथ की बुराई के मद्देनजर सिंह का इस क्षेत्र का दौरा महत्वपूर्ण है। सूत्रों ने कहा कि ओड़िशा..आंध्र सीमा क्षेत्रों में स्थिति एक चिंता का विषय बनी रहती है।
समीक्षा बैठक में मौजूद लोगों में ओड़िशा के गृह सचिव असित त्रिपाठी और पुलिस महानिदेशक के बी सिंह शामिल थे।
(पीटीआई के हवाले से ख़बर)