क़दीम शहर हैदराबाद में हुकूमत की जानिब से क़ायम करदा सरकारी दवा ख़ानों में बुनियादी सहूलतों का फ़ुक़दान ग़रीब और मितवा सत ख़ानदानों के लिए मुश्किलात पैदा कररहा है ।चंद साल क़बल पेटला बुरज में माडर्न सरकारी मीटरनीटी हॉस्पिटल का क़ियाम अमल में लाया गया था । हॉस्पिटल के क़ियाम को क़दीम शहर हैदराबाद की अवाम के लिए एक अज़ीम कारनामा क़रार देने की हर मुमकिन कोशिश की गई ,
वाज़ेह रहे कि मज़कूरा दवाखाने इफ़्तिताह से क़बल नए पुल के दामन में ज़चगी ख़ाना के नाम से मशहूर था मगर ज़बरदस्त साज़िश के तहत ज़चगी ख़ाना को नए पुल से मुंतक़िल करके पेटला बुरज इलाक़े में नौ तामीर शूदा हमा मंज़िला इमारत में क़ायम किया गया । यौमिया एक हज़ार ता बारह सौ हामिला औरतें मज़कूरा दवाख़ाना में तशख़ीस के लिए आती हैं
जिन में बेशतर ख़वातीन का ताल्लुक़ ग़रीब घरानों से होता है और हुकूमत की जानिब से मिलने वाली रियायत से इस्तिफ़ादा उठाने की ग़रज़ से ये ख़वातीन इस सरकारी दवाखाने का रुख करती हैं मगर दवाखाने में अमले की कमी तजुरबाकार डॉक्टर्स का फ़ुक़दान हामिला ख़वातीन और उन के नोमोलूद बच्चों की ज़िंदगीयों से खेलवाड़ साबित होरहा है ।
हॉस्पिटल में बुनियादी सहूलतें नदारद हैं दवाखाने का इंतिज़ामीया बिलख़सूस वाच मैन से लेकर आया तक रिश्वत लिए बगै़र कोई काम नहीं करते रात के औक़ात में डयूटी डॉक्टर्स की अदमे मौजूदगी हामिला औरतों और उन के बच्चों की ज़िंदगीयों केलिए ख़तरा बना हुवा है । दवाखाने का लेबर रुम भी बुनियादी सहूलतों से महरूम है ।
क़दीम शहर हैदराबाद बल्कि शहर के दीगर हिस्सों और नवाही इलाक़ों से रोज़ाना सैंकड़ों हामिला ख़वातीन तशख़ीस की ग़रज़ से इस दवाख़ाना का रुख करती हैं जहां पर वसीअ व अरीज़ इमारत में हामिला ख़वातीन को आराम से बैठने की सहूलत भी नहीं है जिस के सबब हामिला ख़वातीन की कसीर तादाद फ़र्श पर बैठने केलिए मजबूर हैं
मज़कूरा ख़वातीन के साथ तीमारदारी केलिए आने वाले अटेनडरस दवाख़ाना के मैदान में शब बसरी(सोने) केलिए मजबूर हैं रात के औक़ात में माडर्न मैटरनिटी हॉस्पिटल मच्छरों का मर्कज़ बना हुवा है साफ़ सफ़ाई का कोई ख़ास इंतिज़ाम ना होने की वजहा से ताफ़्फ़ुन चारों तरफ़ फैला हुवा है।