ओडेशा के चीफ़ मिनिस्टर नवीन पटनायक ने आंध्र प्रदेश की तक़सीम के ज़रीये तेलंगाना के क़ियाम के ख़िलाफ़ वाई एस आर कांग्रेस के सरबराह जगन मोहन रेड्डी की जद्द-ओ-जहद की आज हिमायत की और कहा कि महिज़ मामूली सियासी मुफ़ादात के तहत रियास्तों की तक़सीम नहीं की जानी चाहीए बल्कि किसी रियासत को मुकम्मिल इत्तिफ़ाक़ राय के ज़रीये तक़सीम किया जाना चाहीए।
जगन मोहन रेड्डी से मुलाक़ात के बाद नवीन पटनायक ने अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि किसी रियासत की तक़सीम एक हस्सास , सियासी ,समाजी और जज़बाती मसला होता है और आंध्र प्रदेश के मुआमले में भी इस रियासत के अवाम से मुशावरत की जानी चाहीए , किसी फ़ैसले पर पहुंचने से पहले इत्तिफ़ाक़ राय पैदा किया जाना चाहीए।
पटनायक ने कहा कि महिज़ मामूली सियासी मुफ़ादात और इंतिख़ाबी फ़ाइदों के लिए किसी रियासत को तक़सीम नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा कि मसला तेलंगाना पर हस्सास सियासी मुज़ाकरात का फ़ुक़दान पाया जाता है।
जगन मोहन रेड्डी ने पटनायक से आज की मुलाक़ात से चार दिन पहले कोलकता में मग़रिबी बंगाल की चीफ़ मिनिस्टर और तृणमूल कांग्रेस की सरबराह ममता बनर्जी से भी इस मसले पर तबादला-ए-ख़्याल करते हुए पार्लियामेंट में तेलंगाना बिल की मुख़ालिफ़त करने की दरख़ास्त की थी और ये मुतालिबा भी किया था कि बिल की पेशकशी की सूरत में उस को मंज़ूर किए जाने के बजाय इस से दसतबरदारी इख़तियार की जाये।
जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश की तक़सीम को रोकने के लिए मुत्तहदा कोशिशें जारी रखने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि अगर आज आंध्र प्रदेश की तक़सीम को नहीं रोका गया तो कल किसी दूसरी रियासत के साथ भी एसा ही होसकता है।