फिर्कावाराना तशद्दुद रोकथाम बिल पर अपोजिशन ही नहीं, हुकूमत के साथी भी नाराज हो गए हैं हुकूमत की इत्तेहादी नेशनल कांफ्रेंस ने जहां इस बिल पर पहले ही अपनी मुखालिफत जता दिया , वहीं संकटमोचक के किरदार करने वाली सपा और बसपा ने भी इस बिल पर ताईद के सवाल पर हाथ खड़े कर दिए हैं |
सपा इसे रियासतों के हुकूक की खिलाफवर्जी के तौर पर देख रही है, वहीं बसपा मौजूदा हालात में बिल की ताईद में तैयार नहीं है सपा के नरेश अग्रवाल ने साफ तौर पर इस बिल को रियासती हुकूमतों के हुकूक की खिलाफवर्जी करने वाला बताया है |
उन्होंने कहा कि कानून निज़ाम कायम रखने की जिम्मेदारी रियासत के हुकूमत की है और वह ही इस ताल्लुक में कानून बना सकते हैं | लेकिन जिस तरह से मरकज़ की हुकूमत इस कानून को थोपने की कोशिश में लगी है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा |
वहीं बसपा ने भी बिल की शराइत को लेकर नाराजगी ज़ाहिर की है | बसपा सुप्रीमो मायावती ने उम्मीद ज़ाहिर की कि हुकूमत सभी पार्टी से बात करके इस बिल के मसौदे को आखिरी शक्ल देगी | बिल की ताइद कर रहे वाम पार्टियों को भी इसके कुछ शराइत पर ऐतराज़ है तो अपोजिशन एनडीए, अन्नाद्रमुक, बीजद और तृणमूल कांग्रेस बिल का साफ साफ मुखालिफत कर रहे हैं |
चौतरफा मुखालिफत और इत्तेहादी पार्टियों की नाराजगी के बाद हुकूमत अब इत्तेफाकी राय बनाने की बात कर रही है पार्लियामेंट के अहाते में जुमेरात के रोज़ को पार्लिमानी उमूर के वज़ीर कमलनाथ ने कहा कि फिर्कावाराना तशद्दुद बिल को हुकूमत लाना चाहती है और कोशिश होगी कि यह बिल इसी सेशन में पेश हो | लेकिन हुकूमत का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि वह इस बिल को लेकर उठाए जा रहे रियासतों के हुकूक की खिलाफवर्जी के फिक्र को नजरअंदाज करे |