माली से ताल्लुक़ रखने वाले तोराक बाग़ीयों ने बमाको हुकूमत के साथ एक अमन समझौते पर दस्तख़त किए हैं, जब कि एक माह पहले दीगर मुसल्लह गिरोह भी इसी तरह का क़दम उठा चुके हैं, ताकि इस ग़रीब सहराई मुल्क में जारी कशीदगी का ख़ात्मा लाया जा सके।
अक़वामे मुत्तहिदा की मुसालहत में होने वाले इस मुआहिदे में माली में इलाक़ाई असेंबलीयों के इंतिख़ाबात के लिए कहा गया है। ताहम, शुमाली माली को ख़ुदमुख़्तारी नहीँ दी गई, जिस का ज़्यादा तर इलाक़ा सहारा के रेगिस्तान में वाक़े है।
इस बग़ावत का ख़ास सबब अलाहिदगी पसंदों के मुतालिबात थे, जिस से क़ब्ल फ़ौज ने तख़्ता उल्टने के बाद जुनूबी सब सहारा में माली के सदर को इक़्तेदार से हटा दिया था।