मालॆ गाँव धमाके 9 मुल्ज़िमीन की ज़मानत मंज़ूर

मुंबई 06 नवंबर ( पी टी आई ) मालॆ गाँव में 2006 -ए-के दौरान हुए बम धमाकों के 9 मुल्ज़िमीन को आज ज़मानत मिल गई और क़ौमी तहक़ीक़ाती एजैंसी (एन आई ई) ने मुल्ज़िमीन की रिहाई के ख़िलाफ़ कोई दरख़ास्त दायर ना करने का फ़ैसला किया है ।

मकोका अदालत के नामज़द जज वाई डी शनडे ने इन मुल्ज़िमीन को फी कस 50 हज़ार रुपय की ज़मानत पर रिहाई का हुक्म जारी किया । अदालत ने मुल्ज़िमीन को हफ़्ता में एक मर्तबा मुक़ामी पुलिस स्टेशन पर हाज़िरी देने की हिदायत भी की है ।

ज़मानत हासिल करने वाले 9 मुल्ज़िमीन में सलमान फ़ारसी , शब्बीर अहमद , नूर अलहदा दोहा , रईस अहमद , मुहम्मद अली , आसिफ़ ख़ान , जावेद शेख़ , फ़ारूक़ अंसारी और इबरार अहमद शामिल हैं । ताहम आसिफ़ और मुहम्मद अली को रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्हें 2006 -ए-के मुंबई ट्रेन सिलसिलेवार धमाके मुक़द्दमा में भी गिरफ़्तार किया गया है ।

माबक़ी 7 मुल्ज़िमीन ज़ाबतों की तकमील के बाद 8 नवंबर तक रिहा हो जाएंगे ।

इस बात का इन्किशाफ़ वकील सफ़ाई जलील अंसारी ने किया । इन आई ए ने ये इस्तिदलाल पेश किया कि 2007 -ए-के दौरान हुए मक्का मस्जिद बम धमाके के मुक़द्दमा में गिरफ़्तार शूदा स्वामी असीमानंद के इक़बाली ब्यान से मालॆ गाव धमाका में दाएं बाज़ू की इंतहापसंद हिन्दू तंज़ीमों के मुलव्वस होने का इल्ज़ाम मंज़रे आम पर आया ।

क़ब्लअज़ीं महाराष्ट्रा ए टी ऐस और सी बी आई के इलावा दीगर इदारों की जानिब से की गई तहक़ीक़ात और ताज़ा सबूतों का भी जायज़ा लिया गया था और उन हक़ायक़ की बुनियाद पर किया गया है । मुल्ज़िमीन की रिहाई के बाद इन आई ए की जानिब से उन ज़मानतों की कोई मुख़ालिफ़त नहीं की जाएगी । इस दौरान मालॆ गाव में जश्न का मंज़र देखा गया और मुल्ज़िमीन के अरकान ख़ानदान और वुकला ने अदालती फ़ैसला पर ख़ुशी का इज़हार किया और अदालत से बाहर निकलते हुए फ़तह की अलामत अपनी दो उंगलीयों से v का निशान बनाते हुए फ़तह की अलामत दिखाई ।

दो वुकला हमदानी इरफाना और जलील अंसारी ने उम्मीद ज़ाहिर की कि ये तमाम मुल्ज़िमीन को बहुत जल्द मंसूबा इल्ज़ामात से बुरी कर दिया जाएगा । ताहम एक मुल्ज़िम के रिश्तेदार सुबह मख़दूमी ने कहा कि 9 मुल्ज़िमीन को ग़लत तौर पर गिरफ़्तार करने वाले ओहदेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की जानी चाहिए ।