एनआईए(राष्ट्रिय सुरक्षा एजेंसी ) ने आज 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने और बहस करने के लिए कोर्ट से और समय की मांग करते हुए कहा है कि हम अभी इस मामले में मकोका लगाये जाने के लिए अटार्नी जनरल के जवाब का इंतेज़ार कर रहे हैं |
स्पेशल प्रोसिक्यूटर अविनाश रसल ने कहा कि “हम अभी इस मामले में मकोका लगाये जाने के लिए अटार्नी जनरल के जवाब का इंतेज़ार कर रहे हैं हमें इस मामले में तर्क पेश करने के लिए अभी और वक़्त चाहिए” |
महाराष्ट्र एटीएस द्वारा दाख़िल चार्जशीट को पढने के बाद ही आरोप तय किया जा सकेंगे इसके लिय हमें वक़्त की ज़रुरत है |
एनआईए) के निवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए मकोका अदालत ने डिफेंस से तर्कों को पेश करने के लिए कहा।
इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी को होगी |
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित समेत बारह व्यक्ति, 29 सितंबर 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोट, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 100 अन्य घायल हो गये थे,के सिलसिले में जेल में हैं |
आरोपियों के ख़िलाफ़ मकोका, अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) और आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है |
इस मामले में एटीएस ने 2009 में चार्जशीट दायर की थी लेकिन बाद में ये एनआईए, शीर्ष आतंकवाद विरोधी एजेंसी को सौंप दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक विशेष अदालत इस मामले की सुनवाई के लिए गठित की गई | साध्वी मध्य प्रदेश में आरएसएस कार्यकर्ता सुनील जोशी की हत्या से संबंधित एक मामले में भी आरोपी है।
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