बी जे डी एम एल ए झीना हक्काका के माविस्टो की क़ैद में मुकम्मल एक माह हो गया जबकि अवाम के इलावा हुकूमत ओडीशा की नज़रें भी माविस्टो की अवामी अदालत के फ़ैसला पर लगी हुई हैं, जहां ये इशारा दिया गया है कि 25 अप्रैल तक हक्काका की रिहाई मुम्किन है।
आंधरा ओडीशा बॉर्डर स्पेशल ज़ोनल कमेटी (AOBSZC) ने ऐलान किया था कि मग़्विया एम एल ए की क़िस्मत का फ़ैसला एक अवामी अदालत 25 अप्रैल तक करेगी लेकिन अब तक माविस्टो ने तारीख़ के सिवाए वक़्त और मुक़ाम का ताय्युन नहीं किया है। दूसरी तरफ़ माविस्टो के कैंप से मिलने वाली रिपोर्ट के मुताबिक़ अवामी अदालत का इनइक़ाद माविस्टो का गढ़ समझे जाने वाले इलाक़े नारायण पटना में होगा जो ज़िला कोरापुट में वाक़्य है।
याद रहे कि यरग़माल मुआमला पर माविस्ट और हुकूमत दोनों ही अपने मौक़िफ़ पर अटल हैं और इस मुआमला ने ग़ैर ज़रूरी तवालत इख्तेयार कर ली है। 24 मार्च की अव्वलीन साअतों में झीना हक्काका के अग़वा का वाक़िया पेश आया। 37 साला हक्काका के अग़वा के बाद मुख़्तलिफ़ अफ़्वाहें गश्त करने लगी थीं।
कई दिनों तक इन का हश्र नामालूम रहा क्योंकि हुकूमत हक्काका की रिहाई के लिए अपने मुतालिबात की तक़्मील का वायदा चाहते थे। दूसरी तरफ़ AOBSZC ने अपने 29 बाग़ीयों की रिहाई के अपने मुतालिबा पर अटल मौक़िफ़ अपनाया था जबकि हुकूमत ओडीशा सिर्फ़ 25 बाग़ीयों की रिहाई के लिए आमादा थी।
अब इस मुआमला को मज़ीद तूल ना देने की ज़रूरत को समझते हुए मग़्विया एम एल ए की रिहाई को यक़ीनी बनाने की ज़रूरत है क्योंकि मिस्टर हक्काका के अहल ख़ानदान ने भी शख़्सी तौर पर माविस्टो से दरख़ास्त की है कि वो उन्हें रिहा कर दें।