इदारे सियासत के ज़ेरे एहतेमाम पिछ्ले कई बरसों से एस एससी कोइसचेन बैंक तेलुगु, उर्दू, इंग्लिश में शाय करके मुफ़्त तक़सीम किया जा रहा है, इस के बेहतर नताइज बरामद होरहे हैं। ना सिर्फ़ ये कि तलबा कामयाब होरहे हैं बल्कि नतीजे के फ़ीसद में भी काफ़ी इज़ाफ़ा होरहा है।
तालिब-ए-इल्म एस एससी में कामयाबी के बाद इंजीनियर , डाक्टर बनने के अलावा और कई प्रोफेशन्स हैं, उस को अपना कर अपने मुस्तक़बिल को दरख़शां करें। इन ख़्यालात का इज़हार ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर रोज़नामा सियासत ने यहां अहाता सियासत में वाक़्ये महबूब हुसैन जिगर हाल में एस एससी इंग्लिश मीडियम कोइसचेन बैंक की रस्म इजराई के बाद किया और कहा कि तलबा उस को हासिल करके भरपूर इस्तेफ़ादा करें।
नए निसाब और तरीक़ा तालीम इमतेहान से वाक़फ़ीयत हासिल करते हुए ना सिर्फ़ अपनी कामयाबी को यक़ीनी बनाईं बल्कि अच्छे निशानात और ग्रेड हासिल करें। माज़ी के हवाले से उन्होंने कहा कि मिल्लत की हालत को तालीम के ज़ेवर से ही सुधारा जा सकता है चुनांचे आज हमारी क़ौम तालीम हासिल करते हुए आगे बढ़ रही है।
इदारा सियासत तलबा की रहनुमाई के लिए और स्कालरशिप के हुसूल के लिए हेल्पलाइन मर्कज़ चलाता है जिस से रोज़ाना बेशुमार उम्मीदवार इस्तेफ़ादा कररहे हैं। इदारा सियासत ने इंजीनीयरिंग कॉलेजस में बैरूने रियासत के तलबा को रियायती फ़ीस पर दाख़िले दिलाकर कई नौजवानों को इंजीनियर बनाया जो आज ख़लीजी ममालिक में बरसर रोज़गार हैं।
एक तालिबा जो गोल्ड मिडल दसवीं,बारहवीं हासिल की उसकी मिसाल देते हुए कहा कि उस लड़की की कामयाबी का राज़ ये था कि वो टेलीविज़न से दूर थी और इस के घर में टी वी नहीं था। आज के तालिब-ए-इल्म को तीन ज़बानों तेलुगु जो रियासती ज़बान है , अंग्रेज़ी जो बैन-उल-अक़वामी ज़बान है और उर्दू जो मादरी ज़बान है, उस को सीखना ज़रूरी है और मादरी ज़बान से अगर माँ की तरह मुहब्बत करें तो उस को कोई ख़त्म नहीं करसकता।
इस ज़बान में हमारा मज़हबी, समाजी विरसा और लिटरेचर मौजूद है। ज़ाहिद अली ख़ां ने कोइसचेन बैंक की रस्म इजराई के बाद इस किताब की तदवीन करने वाले असातिज़ा की शाल पोशी करते हुए उन्हें तौसीफ नामा दे कर उन को तहनियत पेश की। अहमद बशीरुद्दीन फ़ारूक़ी जिन की ज़ेरे निगरानी ये तैयार किया गया, उसकी तैयारी में मदद करने वाले असातिज़ा से इज़हार-ए-तशक्कुर किया और कहा कि पिछ्ले 15, 16 बरसों से ये बिला वक्फ़ा शाय होकर मुफ़्त तक़सीम किया जा रहा है जिस से ना सिर्फ़ हैदराबाद बल्कि अज़ला के बेशुमार उम्मीदवार और स्कूलस इस्तेफ़ादा कररहे हैं। इस मौके पर मुहम्मद नज़ीर अहमद मौज़फ़ एससी एस आर टी ने नए निसाब के तहत सवालात को अलग और नए अंदाज़ से पूछे जाने के तरीके को बहुत आसान तरीक़ा बतलाया। कैरीयर कौंसिलर एम ए हमीद ने इमतेहान की तैयारी और एस एससी की नई इमतेहानी स्कीम को पेश किया।
प्रोग्राम का आग़ाज़ क़ारी सय्यद शाह इनाम उल-हक़ कादरी ख़तीब जामि मस्जिद अफ़ज़ल गंज की किरा॔त से हुआ। मुख़्तलिफ़ स्कूलस के ज़िम्मे दारान मुहम्मद अली रफ़अत, बदर बिन अबदुल्लाह, मुहम्मद इबराहीम, फ़य्याज़ अली, अहमद सिद्दीक़ी मुकेश, शब्बीर अली, शाकिर अहमद, मुहम्मद मुईद मौजूद थे। निज़ामत के फ़राइज़ और आख़िर में शुक्रिया एम ए हमीद ने अदा किया।