मिस्री अदालत का हसनी मुबारक को रेहा करने से इनकार

मिस्र के दार-उल-हकूमत क़ाहिरा की एक अदालत ने साबिक़ सदर हसनी मुबारक को ख़राबी सेहत की बिना पर जेल से रिहाई देने से इनकार कर दिया है। माज़ूल सदर इस वक़्त क़ाहिरा के नवाह में वाक़ै तरह जेल में मुज़ाहिरीन की हलाकतों के जुर्म में उम्र क़ैद काट रहे हैं।

उन की सेहत ख़राब है और उन के वकील ने अदालत में उन की तशवीशनाक हालत के पेशे नज़र जेल से रेहा कर के किसी अस्पताल में मुंतक़िल करने की इस्तिदा की थी लेकिन जज ने उन के मौक़िफ़ को मुस्तर्द कर दिया है।

अदालत ने 84 साला हसनी मुबारक को 2 जून 2012 को 850 मुज़ाहिरीन की हलाकतों के मुक़द्दमे में उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी। इस फ़ैसले के चंद रोज़ बाद उन की हालत बिगड़ गई

और उन्हें जेल के अस्पताल में दिल का दौरा पड़ा था जिस के बाद उन्हें माद्दी के फ़ौजी अस्पताल में मुंतक़िल कर दिया गया था जहां उन्हें ईलाज के दौरान मस्नूई तनफ़्फ़ुस पर भी रखा गया था।