मिस्र के फ़ौजी इंजीनीयर्ज़ ने जज़ीरानुमा शहर सैनाई मैं अस्करीयत पसंदों के ख़िलाफ़ ऑप्रेशन के दौरान ग़ज़ा और मिस्र के दरमयान स्मगलिंग में इस्तेमाल होने वाली 120 से ज़ाइद ज़ेर-ए-ज़मीन सुरंगें बंद कर दें।
मिस्र के एक सैक्योरिटी ऑफीसर ने ज़राए इबलाग़ को बताया कि ऑप्रेशन हुकूमत को मतलूब 120 से ज़ाइद अस्करीयत पसंदों की तलाश केलिए शुरू किया गया था जिस के हवाले से हुक्काम का मौक़िफ़ है कि सैनाई और मुल्हिक़ा इलाक़ों में 1600 से ज़ाइद शिद्दत पसंद रुपोश हैं जिन्हों ने गुज़िशता हफ़्ते घात लगा कर राकेटों के ज़रीये बमों से पुलिस अहलकारों के क़ाफ़िले पर हमला कर दिया था जिस से तीन अहलकार ज़ख़मी होगए थे।
उन्हों ने कहा कि इन सुरंगों के ज़रीये मिस्र और ग़ज़ा के दरमयान दो तरफ़ा स्मगलिंग जारी थी जिस में कारें और दीगर अशीया को गै़रक़ानूनी तौर पर आर पार भेजा जा रहा था । इनका कहना थाकि सुरंगों की बंदिश रोज़ाना की बुनियाद पर की जा रही है सिर्फ गुज़िश्ता दो रोज़ के दौरान 12 से ज़ाइद सुरंगें बंद की गई हैं ।
फ़ोर्सिज़ ने सात ऐसे घरों को मिस्मार किया है जहां से सुरंगें खोद कर सरहद की दूसरी जानिब ले जाई गई थीं जबकि दो ऐसी बड़ी सुरंगें बंद की गई हैं जहां से कारों की स्मगलिंग की जा रही थी ।