मिस्र में इंसानी हुक़ूक़ की तंज़ीमों ने मुज़ाहिरों पर पाबंदी के नए क़ानून की मुज़म्मत की है और उसे जाबिराना क़रार दिया है। वाज़ेह रहे कि इस नए क़ानून के तहत पुलिस नोटीफ़ीकेशन के बगै़र मुज़ाहरा करना गै़र क़ानूनी होगा।
उबूरी सदर उदली मंसूर ने इस नए क़ानून पर दस्तख़त किया है। बहुत से लोगों का ख़्याल है कि ये नया क़ानून गुज़िश्ता दिनों कलअदम क़रार दी जाने वाली तंज़ीम इख़्वानुल मुस्लिमीन और बरतरफ़ सदर मुर्सी के हामीयों को मुज़ाहिरे से बाज़ रखने के लिए बनाया गया है।
इस क़ानून पर इतवार को दस्तख़त किया गया जबकि मुल्क के मुख़्तलिफ़ शहरों में मज़ीद मुज़ाहिरे किए गए। मुहम्मद मुर्सी के हज़ारों हामीयों की तादाद में दारुल हुकूमत क़ाहिरा और दीगर शहरों में मुज़ाहिरों के लिए जमा हुए।
मिस्र में आइन्दा साल पार्लीमानी इंतेख़ाबात होने हैं और इंसानी हुक़ूक़ की तंज़ीमें इस क़ानून को जम्हूरी तर्ज़े अमल के मुनाफ़ी तसव्वुर करती हैं।