मिस्र की आला अदालत ने कहा कि वो अपने काम को ग़ैर मुअयना मुद्दत के लिए मुअत्तल कर रही है । मुलक के स्लाम पसंद सदर मुहम्मद मर्सी के हामीयों ने अदालती कार्रवाई को रोक देने के बाद जजिस नफ़सियाती और अमली दबाव का शिकार होगए जिस की वजहे से उन्हों ने एहतिजाज करते हुए तमाम अदालती कार्यवाईयों को रोक देने का एलान कर दिया ।
मुहम्मद मर्सी के हामीयों ने जजिस को कोर्ट हाउज़ में भी दाख़िल होने से रोक दिया । मुतनाज़ा दस्तूरी असैंबली के जायज़ होने से मुताल्लिक़ आज अदालत हुक्म जारी करनेवाली थी ।
जब मुज़ाहिरीन ने जजिस को अदालत की इमारत में दाख़िल होने से रोक दिया तो आली आईनी अदालत की तरफ से बयान जारी किया गया जिस में कहा गया कि जजिस स्लाम पसंद सदर के हामीयों के एहतिजाज से ब्रहम हैं ।
वो अदालत की कार्यवाईयों को उस वक़्त तक रोकने का एलान करते हैं जब तक कि वो मुक़द्दमात में बगै़र किसी नफ़सियात या अमली दबाउ के फ़ैसले दे सके ।
अदालत का ये फ़ैसला मिस्र के सयासी बोहरान में मज़ीद शिद्दत पैदा करने की तरफ इशारह देता है । इस से सदर मिस्र मुहम्मद मर्सी और उन के स्लाम पसंद हलीफ़ों को सेक्युलर अप्पोज़ीशन के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने मुश्किल होगी ।
ये तात्तल उस वक़्त शुरू हुआ जब मुहम्मद मर्सी ने 22 नवंबर को फ़रमान जारी करते हुए मुलक के तमाम आईनी-ओ-क़ानूनी इख़्तयारात हासिल करने का ऐलान किया ।
नया दस्तूर बनाते हुए अदालतों से उन के हुक़ूक़ छीन लिए गए । स्लाम पसंदों के ग़लबा वाले इस पियानल ने पिछ्ले हफ़्ते हंगामी मीटिंग मुनाक़िद किया था जिस में नए आईन को मंज़ूरी देने के लिए वोट डाले गए थे ।
इस पर अदालत को ये फ़ैसला करना था कि आया क़ानूनसाज़ असैंबली और शौरी कौंसिल को तहलील किया जाये या नहीं । क़ानूनसाज़ असैंबली ने नए क़ानून का मुसव्वदा मंज़ूर किया था ।
शौरी कौंसिल में स्लाम पसंदों की अक्सरीयत है । सदर मर्सी के हामीयों को अदालत से इस लिए ख़ौफ़ हीके अदालत ने पिछ्ले जून में पार्लीमैंट के एवान-ए-ज़ेरीं को तहलील किया था । मर्सी ने कल ही एलान किया था कि वो 15 दिसमबर को नए क़ानून के मुसव्वदा पर रैफ़रंडम करवाईंगे ।
अप्पोज़ीशन के एहतिजाज और इस मुसव्वदा क़ानून के जायज़ होने से मुताल्लिक़ सवालात उठाने के बावजूद मुहम्मद मर्सी अपने फ़ैसले पर अटल हैं ।
सरकारी न्यूज़ एजैंसी मीना ने बताया कि अदालत की तरफ से जारी करदा बयान में कहा गया है कि मिस्र की अदलिया की तारीख़ का सब से स्याह तरीन दिन है । अदालत की इमारत के बाहर के मुनाज़िर को बद बख्ताना क़रार देते हुए जजिस ने कहा कि सदर मर्सी के हामी मुलक के आईनी उसूलों को पामाल कररहे हैं ।
ये हामी अपने हाथों में बयानरसि थामे हुए ट्रब्यूनल और इस के बाद जजिस की मुज़म्मत कररहे थे । सदर मर्सी के मुख़ालिफ़ीन का कहना है कि आईनी मुसव्वदा में आज़ादी के बुनियादी हुक़ूक़ को नज़रअंदाज किया गया है । सुप्रीम दस्तूरी अदालत के जजिस ने कहा कि हमारे लिए अब कोई चारह नहीं है कि हम मिस्र के पर जोश अवाम के हुक़ूक़ का तहफ़्फ़ुज़ करें । इस अबतर फ़िज़ा में हुकूमत अपना मिशन कामयाब नहीं बना सकती ।