क़ाहिरा , 3 जुलाई: (पी टी आई) इख़वान अलमुस्लिमीन के दफ़्तर पर हमला के बाद मिस्र में ख़ानाजंगी के आसार पैदा हो गए हैं । सदर मुहम्मद मुर्सी के इस्तीफे के लिए दबाव में इज़ाफ़ा हो रहा है । हालात बिगड़ने पर फ़ौज मुदाख़िलत करेगी । अमेरीका और कैनेडा ने अपने सिफ़ारत ख़ाने बंद कर दिए हैं । सदर मुर्सी को इक्तेदार छोड़ने की मोहलत ख़त्म होने से पहले ही हामीयों और मुख़ालिफ़ीन की कसीर तादाद क़ाहिरा के तहरीर स्क़्वायर पर जमा होना शुरू हो गया है ।
अपोज़ीशन की तहरीक तमरद यानी बाग़ी में सदर मिस्र को मंगल की शाम 5 बजे तक इक्तेदार छोड़ने की मोहलत दी थी और कहा था कि अगर उन्होंने इस्तीफ़ा नहीं दिया तो उनके ख़िलाफ़ सिविल नाफ़रमानी की तहरीक चलाई जाएगी ।क़ाहिरा में काम करने वाले अमेरीकी और कैनेडाई ओहदेदारों को एहतियात बरतने का मश्वरा दिया गया ।
तशद्दुद में मरने वालों की तादाद 16 हो गई है । मिस्र में सियासी सूरत-ए-हाल संगीन हो गई क्योंकि सदर मुहम्मद मुर्सी के ख़िलाफ़ जारी एहतिजाज के बाद वज़ीरे ख़ारेजा मुहम्मद कामिल अमरो ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है। सदर मुर्सी ने फ़ौज का अल्टीमेटम मुस्तरद कर दिया, और फ़ौज का कहना है कि वो इक्तेदार पर क़ब्ज़ा नहीं करना चाहती, अल्टीमेटम का मक़सद सिर्फ़ ये है कि सियासी जमाअतें इत्तिफ़ाक़ राय से मसाइल का हल निकालें।
मुर्सी के ख़िलाफ़ कई शहरों में एहतिजाज जारी है। दार-उल-हकूमत क़ाहिरा का तहरीर स्क़्वायर एक बार फिर हुकूमत मुख़ालिफ़ीन से भर गया है। सदर मुर्सी की हिमायत में भी मुज़ाहिरे हो रहे हैं। सदारती तर्जुमान का कहना है कि फ़ौज की जानिब से अल्टीमेटम से पेचीदगियां बढ़ गई हैं।
फ़ौज ने बग़ावत के इल्ज़ामात की तरदीद करते हुए कहा है कि वो इक्तेदार पर क़ब्ज़े का इरादा नहीं रखती। अल्टीमेटम का मक़सद सिर्फ़ ये है कि सियासी जमातें इत्तिफ़ाक़ राय से मसाइल का हल निकालें। अपोज़ीशन जमाअतों ने सदर मुर्सी से मज़करात से इनकार करते हुए उन से इक्तेदार छोड़ने और वस्त मुद्दती इंतेख़ाबात कराने का मुतालिबा किया है। इस तरह सियासी बोहरान बढ़ने के बाद वज़ीरे ख़ारेजा मुहम्मद कामिल अमरो भी मुस्ताफ़ी हो गए हैं, उन से पहले 4 वुज़रा इस्तीफा दे चुके हैं।
ताहम सदर मुर्सी ने वुज़रा के इस्तीफ़े मुस्तरद कर दिए हैं। अल्टीमेटम के बाद अमेरीकी फ़ौज के सरबराह जनरल मार्टिन डीमसी ने मिस्री हम मंसब से फ़ोन पर बातचीत की।