मिस्वाक की फ़ज़ीलत

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, अगर मुझको अपनी उम्मत की तकलीफ का ख़याल नहीं होता तो मैं उनको हर वुज़ू में मिस्वाक करने का हुक्म देता। (अहमद)