मुंबई हमलों का मुक़द्दमा पाकिस्तान का इमतिहान, दौरा के लिए साज़गार माहौल ज़रूरी

आमिर अली ख़ां- वज़ीर आज़म (प्रधानमंत्री)डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि वो पाकिस्तान का दौरा करने तय्यार हैं लेकिन इस के लिए साज़गार माहौल होना चाहीए । डाक्टर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान का इस बात में भी इमतिहान है कि वो मुंबई हमला के मरतकबीन(मुल्ज़ेमीन) को कैफ़र किरदार तक पहुंचाए ।

वज़ीर आज़म (प्रधानमंत्री) ने अपने दौरा इरान से वतन वापिस होते हुए तय्यारा में सहाफ़ीयों से बात चीत करते हुए कहा कि वो दौरा-ए-पाकिस्तान में दिलचस्पी रखते हैं। वो इस दौरा की दावत दिए जाने पर मशकूर भी हैं ताहम (फिर भी) वो सदर आसिफ़ अली ज़रदारी पर ये वाज़ेह कर चुके हैं कि उन्हें पहले एक साज़गार माहौल तय्यार करना चाहीए ।

वज़ीर आज़म (प्रधानमंत्री)ने कल सदर ज़रदारी से तेहरान में ना वाबस्ता तहरीक की चिट्टी कान्फ़्रैंस के मौक़ा पर मुलाक़ात की थी । उन्हों ने कल भी मिस्टर ज़रदारी पर वाज़ेह कर दिया था कि मुंबई हमला केस के मुक़द्दमा की जल्द यकसूई होनी चाहीए और इसी से दोनों मुल्कों के माबेन एतिमाद की फ़िज़ा बहाल हो सकती है ।

ज़रदारी ने कल भी डाक्टर सिंह को दौरा-ए-पाकिस्तान की दावत का इआदा किया था । सहाफ़ीयों के साथ तबादला ख़्याल में मनमोहन सिंह ने कई सवालात के जवाब दिए । उन्हों ने कहा कि ये एहसास पैदा होना ज़रूरी है कि पाकिस्तान उस की सरज़मीन से हिंदूस्तान के ख़िलाफ़ होने वाले तशद्दुद को रोकने हक़ीक़ता इक़दामात कर रहा है ।

इस ज़िमन (बारे मे)में मुंबई हमला के मुलज़मीन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर असल पाकिस्तान का इमतिहान है । उन्हों ने अपने इस्तीफ़े का मुतालिबा मुस्तर्द कर दिया और इस उम्मीद का इज़हार किया कि अपोज़ीशन पार्टी को अपनी ग़लती का एहसास हो सकता है । उन्हों ने बी जे पी के मुतालिबा से मुताल्लिक़ सवाल के जवाब में कहा कि अगर उन्हें मुस्ताफ़ी होना होता तो वो यहां नहीं होते ।

उन्हों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अपोज़ीशन का रवैय्या बदलेगा । उसे ये समझना चाहीए कि हम अवाम के मुंतख़ब करदा हैं और उन्हें अवाम के फैसले का एहतिराम करते हुए हुकूमत को काम करने का मौक़ा देना चाहीए । वज़ीर आज़म (प्रधानमंत्री)ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें वज़ीर आज़म (प्रधानमंत्री) के ओहदा का वक़ार बरक़रार रखना होता है ।

वो तू तू , मैं मैं का हिस्सा नहीं बन सकते बेहतर यही है कि वो ख़ामोश रहें। उन्हों ने कहा कि बड़ा मआशी बोहरान चल रहा है इस के बावजूद हम 6.5 फीसद की शरह से तरक़्क़ी कर रहे हैं । अमरीका में शरह तरक़्क़ी 2 फीसद है और यूरोप की शरह सिफ़र(जिरो) है ।

उन्हों ने ताहम (फिर भी) कहा कि वो चाहते हैं कि 9 फीसद शरह तरक़्क़ी की बुनियाद रखें लेकिन घरेलू सियासत में तआवुन के फ़ुक़दान की वजह से एसा मुम्किन नहीं हो रहा है। दाख़िली हालात तेज़ रफ़्तार तरक़्क़ी को रोक रहे हैं।

उन्हों ने साइबर दहश्तगर्दी से निमटने के बारे में कहा कि इस की ज़िम्मेदारी मुशीर क़ौमी सलामती को सौंप दी गई है। ममता बनर्जी से रवाबित के बारे में जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि मग़रिबी बंगाल की मआशी मदद करने के सिलसिले में चीफ़ मिनिस्टर से बातचीत जारी है।