समाजवादी के सरबराह मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मुजफ्फरनगर में दंगा नहीं बल्कि नस्ली जद्दो जहद हुई है। इस मामले में उन्होंने अखिलेश सरकार की कार्रवाई की ताइद करते हुए वाकिया पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि यह बेहद तशवीशनाक हालात है।
आगरा में सपा की कौमी मजलिस ए आमला की बैठक से पहले बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि मुल्क की सियासी और माली हालात पर चिंतन के बाद प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।
मुजफ्फरनगर में तशद्द पर काबू करने में अखिलेश हुकूमत की किरदार पर उठे सवालों का उन्होंने सीधा जवाब तो नहीं दिया लेकिन ये कहा कि यह वाकिया मुस्तकबिल के लिए सबक है।
रियासती हुकूमत की पीठ ठोकते हुए उन्होंने कहा कि सख्ती से हुकूमत ने इस पर पर जल्द ही काबू कर लिया। हालांकि 42 लोगों की मौत कम नहीं होती। यह बहुत अफसोसनाक है।
उन्होंने इस मामले में मीडिया से भी संजीदगी और दोस्ताना रुख रखने की अपील की। पूरे मसले पर अपोजिशन पार्टी के लीडरों की किरदार पर उठ रहे सवाल पर कहा कि कमीशन की तशकील कर दी गयी है और जिस किसी के किरदार इसमें सामने आएगी उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
मुजफ्फरनगर कांड के बाद मरकज़ को गवर्नर की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा यह रूटीन है। गवर्नर को मुसलसल मरकज़ को रिपोर्ट भेजनी पड़ती है।
मुलायम सिंह ने कहा है कि वह पीएम के ओहदे की रेस में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा इंतेखाबात चाहे जब हों अगली हुकूमत तीसरे मोर्चे की ही बनेगी, लेकिन मोर्चा चुनाव के बाद ही बनेगा।
उन्होंने साफ किया कि तीसरा मोर्चा इंतेखाबात से पहले इसलिए नहीं बन सकता क्योंकि सभी पार्टी सीटों के बंटवारे को लेकर सहमत नहीं हो सकते। इसलिए हम ख्याल वाली पार्टी चुनाव के बाद मिल बैठकर अगली हुकूमत का खाक़ा तय करेंगे।
वक्त से पहले लोकसभा इलेक्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मरकज़ी हुकूमत पर मुंहसिर है। वैसे समाजवादी पार्टी इसके लिए अभी से तैयार हैं। उन्होंने खुद को पीएम का उम्मीदवार मानने से भी इनकार कर दिया। मोदी के पीएम की उम्मीदवारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह वज़ीर ए आज़म नहीं बन पाएंगे।
बशुक्रिया: अमर उजाला