एक अनोखे वाक़िया में हज़ारों देहातियों ने हुक्मराँ जमात के एक एम एल ए का घेराव करते हुए उसे इस बात पर मजबूर किया कि राजस्थान के ज़िला बाँसवाड़ा मैं मुजव्वज़ा (proposed/ तय किया हुआ) एटॉमिक पावर प्लांट ( Atomic power plant) के ख़िलाफ़ एहतिजाज (protest/विरोध) में वो उन के साथ शामिल हो ।
एक ओहदेदार के मुताबिक़ एम एल ए अर्जुन सिंह को मुश्तइल हुजूम (उत्तेजित भीड़) ने उस वक़्त जाने की इजाज़त दी जब इस ने वज़ीर-ए-आला ( मुख्य मंत्री) अशोक गेहलोट को मकतूब तहरीर करते हुए उन्हें हज़ारों अफ़राद के मुतालिबा से वाक़िफ़ करवाते हुए मुजव्वज़ा एटॉमिक पावर प्लांट को मुल्तवी या मंसूख़ करने की ख़ाहिश ज़ाहिर की ।
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के जी गुप्ता ने कहा कि बारी के देहातियों ने बाँसवाड़ा हल्क़ा-ए-इंतख़ाब के एम एल ए अर्जुन सिंह की कार का गुज़शता शब घेराव किया और उसे गावं के अंदर ले गए । बादअज़ां ( इसके बाद) उन्होंने मुतालिबा किया कि मुजव्वज़ा एटॉमिक पावर प्लांट के ख़िलाफ़ वो लोग जो एहितजाजी मुज़ाहरा कर रहे हैं , अर्जुन सिंह भी इस में शामिल हो जाए ।
अर्जुन सिंह को एक कमरे में बैठा दिया गया जहां साबिक़ वज़ीर ( पूर्व मंत्री) दालीचंद मेडा (Dalichand Maida) भी मौजूद थे जो इस एहतिजाज ( विरोध) की क़ियादत (leading) कर रहे थे । कमरे में हज़ारों देहाती भी जमा हो गए और एम एल ए को वहां से निकलने नहीं दिया क्योंकि इन का कहना था कि जब तक एम एल ए तहरीरी तौर पर तयक्कुन (यकीन) ना दे उस वक़्त तक उसे जाने नहीं दिया जाएगा ।
दरीं असना ( यद्वपि) पुलिस फ़ोर्स वहां पहुंच गई लेकिन एहितजाजियों (विरोधीयो) ने ख़ौफ़ज़दा हुए बगै़र पुलिस वालों से हाथापाई भी की और पुलिस की एक गाड़ी को नुक़्सान पहुंचाया । बिलआख़िर बातचीत के कई दौरों के बाद एम एल ए अर्जुन सिंह ने वज़ीर-ए-आला अशोक गेहलट को मकतूब तहरीर करते हुए दरख़ास्त की कि मुक़ामी अवाम ( स्थानीय निवासीयों) के मुफ़ाद ( फायदे) और जज़बात का ख़्याल रखते हुए वो मुजव्वज़ा ( कथित तौर पर) पावर प्लांट प्रोजेक्ट को मंसूख़ ( रद्द) कर दें ।
इस मकतूब ( लिखित पत्र) की एक नक़ल एम एल ए ने गावं वालों की संघर्ष समीती के हवाले की जबकि दूसरी नक़ल डिस्ट्रिक कलेक्टर के हवाले की गई है जो उसे वज़ीर-ए-आला ( मुख्यमंत्री) तक पहुंचा देंगे।