सहाफी खातून के Sexual Exploitation के इल्ज़ाम में फंसे तहलका के एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल ने कहा है कि उनके ऊपर झूठा केस किया गया है और पूरी साजिश के पीछे बीजेपी है। तेजपाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में Anticipatory bail की दरखास्त दाखिल करते हुए इस मामले की जांच गोवा पुलिस के बजाय सीबीआई या किसी आज़ाद एजेंसी को देने की भी अपील की है। तेजपाल की दरखास्त पर मंगल के रोज़ सुनवाई होगी।
इस बीच, इस मामले में तेजपाल के रुख पर मशहूर मुसन्निफा (Writer) और ऐक्टिविस्ट अरुधंती रॉय ने निशाना साधा है। उन्होंने एक मजमून में लिखा है कि जिस तरह से खातून सहाफी के किरदार के साथ जाबिता शिक्नी और यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि तरुण को दायेँ बाजू ब्रिगेड की तरफ से फंसाया जा रहा है, यह उन इक्दार का बलात्कार है जिससे जुड़े रहने का दावा तहलका करती रही है।
तरुण तेजपाल ने इल्ज़ाम लगाया कि गोवा के वज़ीर ए आला मनोहर पर्रिकर इस मामले की जांच की निगरानी निजी तौर पर कर रहे हैं और जांच के आफीसरों को ज़ुबानी हिदायत दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘खातून की शिकायत झूठी और सोच-समझकर बदनाम करने के इरादे से दर्ज कराई गई है।’
उन्होंने कहा कि हैरतअगेज़ वाली बात यह है है कि सिर्फ मीडिया रिपोर्ट की बुनियाद पर एफआईआर दर्ज कर ली गई और मुतास्सिरा का बयान दर्ज करने तक की जरूरत महसूस नहीं की गई। तेजपाल ने कहा कि ऐसा बहुत कम होता है।
तेजपाल ने बीजेपी के साबिक सदर बंगारू लक्ष्मण और गुजरात दंगे के बाद गवाहों को मुबय्यना तौर पर खरीदे जाने का तहलका की तरफ से किए गए स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए यह साबित करने की कोशिश की कि गोवा की बीजेपी हुकूमत बदले लेने के लिए उन्हें फंसा रही है। उन्होंने कहा कि दो लोगों के बीच हुई बात को जरूरत से ज्याद तूल दी जा रही है।
अरुंधती रॉय ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए तरुण तेजपाल और उनके साथियों की तरफ से किए जा रहे ‘दूसरे रेप’ का मुद्दा उठाया है। अरुंधती ने कहा है कि इस वाकिया ने उनका दिल तोड़ दिया है।
अंग्रेजी मैग्जीन ‘आउटलुक’ के ताजा शुमार में शाए अपने कॉलम में अरुंधती ने कहा है कि तरुण उनके पुराने दोस्त रहे हैं, लेकिन दोनों दो अलग दुनिया में रहते हैं, दोनों के ख्याल और सरोकार भी अलग हैं। उन्होंने कहा कि शुरू में वह इस मसले पर चुप रहीं क्योंकि तरुण जिस तरह के मामले में फंसे और उनके खिलाफ जितने सुबूत आ गए थे, उनके मद्देनजर उन्हें साफ लग रहा था कि वह सजा से बच नहीं पाएंगे। ऐसे में एक ढलते हुए शख्स पर एक और हमला बोलना उन्हें गैर जरूरी लग रहा था।
मगर, अब बाअशर (Powerful) वकील, जिनकी मदद सिर्फ अमीर ही ले सकते हैं, उनकी ताईद में मैदान में उतर चुके हैं। ऐसे में अरुंधती के मुताबिक अब जरूरी लगने लगा है कि सच की ताईद में खड़ा हुआ जाए। उन्होंने लिखा है, जोर-शोर से ऐसी बातें कही जा रही है जिनसे ऐसा लगे कि तरुण को हिंदुत्व ब्रिगेड की तरफ से फंसाया जा रहा है। यानी एक नौजवान लड़की जिसे कल तक वह नौकरी देने के काबिल मानते थे, अब अचानक बदकिरदार (Characterless) ही नहीं, बल्कि फासिस्टों की एजेंट हो गई है? यह रेप नंबर 2 है। यह उन इक्दार और उस सियासत से रेप है जिससे जुड़े रहने का दावा तहलका करती रही है। अरुंधती ने लिखा है, जो कुछ हुआ, उससे मैं हैरान नहीं हूं, लेकिन मेरा दिल टूट गया है।
———-बशुक्रिया: नवभारत टाइम्स