मुझे समझते हैं बेवकूफ, सिखा दूंगा सबक : वजीरे आला

जीतनराम मांझी को मुखालिफ लोग कहता है कि बुद्धू है! बड़े अफसरों व जागीरदाराना लोगों से लड़ जाता है। मैं गरीबों का इस्तहसाल करनेवाले हर अत्याचारियों के खिलाफ हूं और उनको सबक सिखा दूंगा। इसलिए मैं कहता हूं कि गरीबों की हकमारी करनेवाले चेत जाएं। वाल्मीकिनगर में मंगल को मुनक्कीद एक कल्चरल प्रोग्राम के इफ़्तिताह के बाद वजीरे आला जीतन राम मांझी ने ये बातें कहीं।

उन्होंने वाल्मीकि व्याघ्र मंसूबे के अफसरों को हदफ़ कर कहा, ऐसी इत्तिला मिली है कि जंगल महकमा के अफसर यहां के लोगों की बेटियों की शादी में शाम होते ही जंगल के कानून का हवाला देकर उन्हें गाना गाने, बाजा बजाने से रोक देते हैं और रात-रात भर जंगल में खुद मौज-मस्ती करते हैं। अब यह नहीं चलने वाला है। मांझी की हुकूमत है। वजीरे आला ने मरकज़ी हुकूमत पर निशाना साधते हुए कहा, हम बिहार का तरक़्क़ी करना चाहते हैं, लेकिन मरकज़ का मतलुबा तावून नहीं मिल रहा है।

तरक़्क़ी के लिए हमने 41 हजार करोड़ का बजट बनाया था। मरकज़ को भेजा है। अभी मंजूरी तो नहीं मिली है, लेकिन सिग्नल जरूर मिला है कि इस बजट में से 5 से 6 हजार करोड़ की कटौती होगी।

सीएम ने कहा, मुङो आज बेहद ताज्जुब हुआ कि सड़क रास्ते से पटना से बेतिया आने में जितना वक्त लगता है, उससे अधिक वक्त बेतिया से वाल्मीकिनगर आने में लगता है। एनएच जजर्र हो गये हैं। सीएम ने साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार के कामों की तारीफ करते हुए कहा, 1000 हजार करोड़ रुपये साबिक़ वजीरे आला ने खराब एनएच को ठीक कराने में दिया था। लेकिन, केंद्र की सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। सीएम ने असातिज़ा के फी लोगों को बेदार किया और कहा कि अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेंजे। जब बच्चे तालीम याफ़्ता होंगे तो गरीबों को उनका हक़ मिलेगा।