मर्कज़ी काबीना का एक अहम इजलास 2 अक्तूबर को मुनाक़िद होगा जिस में मुजरिम क़ानून साज़ों को नाएहली से बचाने से मुताल्लिक़ मुतनाज़ा आर्डीनेंस की इमकानी दस्तबरदारी के बारे में फ़ैसला होगा। राहुल गांधी की जानिब से इस आर्डीनेंस की सख़्त मुज़म्मत किए जाने के बाद इस हुक्मनामा के हश्र का अंदाज़ा होचुका था।
सरकारी ज़राए ने आज कहा कि मर्कज़ी काबीना का इजलास 2 अक्तूबर तलब किया गया है जिस में इस आर्डीनेंस पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया जाएगा जो सुप्रीम कोर्ट के अहकाम के बाद ख़ाती क़ानून साज़ों को नाएहली से बचाने केलिए वज़ा किया गया था। कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने कांग्रेस को इस आर्डीनेंस पर नज़र-ए-सानी केलिए मजबूर कर दिया था।
उन्होंने इस आर्डीनेंस को बकवास क़रार दिया था और कहा था कि ऐसे आर्डीनेंस को फाड़ कर फेंक दिया जाना चाहिए। ये आर्डीनेंस फ़िलहाल सदर जमहूरिया परनब मुखर्जी के ज़ेर-ए-ग़ौर है जो 2 अक्टूबर को बैरूनी दौरा पर रवाना होरहे हैं। सदर हिंद से इस मसला पर मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर कमल नाथ और वज़ीर-ए-क़ानून-ओ-इंसाफ़ कपिल सिब्बल पहले ही मुलाक़ात करचुके हैं और आर्डीनेंस के बारे में सदर जमहूरिया की तरफ़ से तलब करदा वज़ाहतों का जवाब दे चुके हैं।