अदाकार अर्शद वारसी जिन्हें मुन्ना भाई सीरीज़ में सर्किट का किरदार निभाने पर काफ़ी शौहरत मिली थी, उन्होंने मीडिया से मुलाक़ात के दौरान कहा कि मुन्ना भाई एमबी बी ऐस (2003ई) और लगे रहो मुन्ना भाई (2006ई) ने हैरतअंगेज़ कामयाबी ज़रूर हासिल की लेकिन हक़ीक़त ये है कि इन फिल्मों की रीलीज़ के छः महीने बाद तक भी उनके पास कोई भी नई फ़िल्म का ऑफ़र लेकर नहीं आया।
मुझे ये ख़्याल पैदा होने लगा कि फ़िल्म बीनों ने इनका किरदार पसंद किया है या नहीं। मैंने डायरेक्टर राज कुमार हैरानी से भी कई बार पूछा कि क्या उन्हें मेरा काम वाक़ई पसंद आया है? क्या उन्होंने अपना किरदार बख़ूबी निभाया है? वग़ैरह। राज कुमार हैरानी यही जवाब दिया करते थे कि मैंने ज़बर्दस्त परफ़ार्मैंस दिया है जिस पर मैं उनसे ये सवाल भी पूछा करता था कि जब का अच्छा किया है तो फिर कोई दूसरा प्रोडयूसर ऑफ़र लेकर क्यों नहीं आता।
बहरेहाल फ़िल्म बीनों के ज़हन में उनकी इमेज कॉमेडियन की बन चुकी थी लेकिन जब मैंने सह्र और जूली एल एल्बी की तो उन्होंने मुख़्तलिफ़ किरदारों में मुझे पसंद किया। इश्क़िया से उन्हें काफ़ी इज़्ज़त मिली लेकिन इसके बावजूद भी काम की रफ़्तार में वो तेज़ी नहीं आई जो आना चाहिए थी। अब जबकि बाली वुड में ख़ान बिरादरी का अब भी बोल बाला है और हर रोज़ सलाहियतों के हामिल नए नए ऐक्टर बाली वुड में आरहे हैं, ऐसे में भी वो अपनी पोज़ीशन के लिए फ़िक्रमंद नहीं हैं।