मुफ्ती हुकूमत की दबंगई, अब 800 “सियासी” कैदियों की रिहाई!

जम्मू-कश्मीर में अलहैदगीपसंद लीडर मसरत आलम की रिहाई को लेकर हंगामा जारी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मसरत की रिहाई की कडी मुज़म्मत की है. लेकिन इन सब के बीच जम्मू-कश्मीर की मुफ्ती सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है।

मुफ्ती सरकार ने 22 साल से जेल में बंद कई क़त्ल करने वाले दहशतगर्द डॉ मोहम्मद कासिम समेत दिगर 800 ” सियासी ” कैदियों की रिहाई की तैयारी शुरू कर दी है। ज़राये का कहना है कि वज़ीर ए आला मुफ्ती मोहम्मद सईद ने फक्तू समेत 15 बंदियों की फाइलें मंगा भी ली हैं।
जिन्हें रिहा किया जा सकता है उनमें से ज्यादातर 2010 में हुई पत्थरबाजी की वाकिया के बाद से जेल में बंद हैं।

इनमें जेकेएलएफ, हुर्रियत के गिलानी गुट, मीरवाइज गुट, शब्बीर शाह समेत दिगर पार्टियों के लीडर शामिल हैं। फक्तू पर इंसानीहुकूक के कारकुन एचएन वांचू का भी क़त्ल का इल्ज़ाम है।

पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 35 लोग जेल में बंद हैं। इस बीच मसरत आलम ने फिर जहरीला बयान दिया। उसने कहा कि “कुर्बानी खाली नहीं जाएगी।

हम आजादी लेकर रहेंगे।” उधर दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने अलहैदगी पसंद लीडर गिलानी से भी मुलाकात की है। भाजपा के जम्मू-कश्मीर सूबे के जनरल सेक्रेटरी राजीव जसरोटिया की कियादत में नौ एमएलए ने सीएम्म मुफ्ती मोहम्मद सईद से मुलाकात की।

उनसे मसरत आलम को फिर से गिरफ्तार करने की मांग की। उधर, मसरत की रिहाई के खिलाफ रियासत में कई सियासी पार्टी जोरदार मुज़ाहिरा कर रहे हैं। पैंथर्स पार्टी ने 48 घंटे का बंद करने के लिये कहा है।