मुल्क के मुख्तलिफ मदरसों की सरगर्मियों पर उठ रहे सवालों पर रोक लगाते हुए वज़ारत ए दाखिला ने साफ किया है कि इनमें जेहादी नज़रिया की तश्हीर बाज़ी नहीं किया जा रहा है। वज़ारत ए दाखिला ने कुछ दिनो पहले मुल्क में देवबंदी, अहले हदीस, जमात और बरेलवी नज़रिया वालो से जुडे मदरसों की सरगर्मियों के बारे में एक अंदरूनी मुताला कराया था।
सेक्युरिटी एजेन्सियों की तरफ से किए गए इस खुफिया मुताला की रिपोर्ट सरकार को हाल में सौंपी गई। वज़ारत ए दाखिला के ज़राये के मुताबिक , इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जिन मदरसों में हिंदुस्तानी (उस्ताद) टीचर हैं, वे जेहादी सरगर्मियों से जुडे हुए नहीं हैं और वहां इस तरह का ख्याल भी नहीं किया जा रहा।
लेकिन रिपोर्ट में ऐसे इशारे दिए गए हैं कि सरहदी इलाकों के कुछ मदरसे जिनमें गैर मुल्क के उस्ताद हैं, वे हिंदुस्तान मुखालिफ सरगर्मियों में शामिल हैं। हालांकि इन इलाकों में भी जिन मदरसों में हिंदुस्तानी टीचर हैं, वे मुल्क मुखालिफ सरगर्मियों में शामिल नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मदरसे खास तौर से मगरिबी बंगाल और असम के सरहदी इलाको में हैं और इनमें खास तौर से बांग्लादेश से आये लोग उस्ताद हैं।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के कुछ मदरसों में भी गैर मुल्क के टीचरों के होने की बात सामने आई है। सरकार ने सेक्युरिटी एजेन्सियों से इन सभी मदरसों के बारे में तफ्सीर से रिपोर्ट तैयार करने और इनकी सरगर्मियों पर नजर रखने के लिए कहा है। मगरिबी बंगाल के बर्दवान में पिछले महीने हुए धमाके के मद्देनजर इस रिपोर्ट को काफी अहम माना जा रहा है। इस धमाके के पीछे बांग्लादेश में सरगर्म तंज़ीम जमात उल इस्लामी बांग्लादेश का हाथ माना जा रहा है।