मुल्क में अक़लियत से कई बार छीना गया ज़िन्दगी का हक़ – ओवैसी

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मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सदर असदुद्दीन ओवैसी ने जुमे को रोज़ कहा कि मुसलामानों की ज़िन्दगी का हक बचाया जाना चाहिए क्यूंकि संविधान सारे ही शहरियों को बराबरी के बुनियादी हक़ देता है.

डॉ अम्बेडकर की 125वीं सालगिरह के मौक़े पर “कमिटमेंट टू constitution” नाम की चर्चा पर बात करते हुए उन्होंने लोक सभा में कहा कि इस सदन में कोई भी ऐसा नहीं जो इनकार कर सके, “ज़िन्दगी का हक़ अक़लियत से कई बार छीना गया है”

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने अम्बेडकर के बयानों को याद करते हुए लोकसभा को याद दिलाने की कोशिश की कि किस तरह अक़लियत से बुनियादी हक़ जैसे ज़िन्दगी का हक़ छीने गए हैं .

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी को संविधान का वो वादा निभाना ही पडेगा जिसमें वो हर कम्युनिटी के वज़ीर ए आज़म हों .

“क्या वज़ीर ए आज़म मुसलामानों के लिए नहीं हैं ?” उन्होंने तमाम वजीरों से ये सवाल करते हुए NDA हुकूमत की मज़म्मत की.
“सेकुलरिज्म क्या है ? इन्हें बनाने दो मा’नी ” उन्होंने ट्रेज़री बेंच की तरफ़ इशारा करते हुए कहा