मुल्क में ग़ुर्बत के ताल्लुक़ से आदाद-ओ-शुमार की

अपने इस तजज़िया के बचाव‌ करते हुए कि हिंदुस्तान में हर 10 में 3 शहरी ग़रीब हैं वज़ीर-ए-आज़म की मआशी मुशावरती कमेटी के साबिक़ सदर नशीन सी रंगा राजन ने कहा कि उनकी जानिब से ग़ुर्बत के ताल्लुक़ से फ़राहम करदा आदाद-ओ-शुमार क़दामत पसंदाना तजज़िया नहीं हैं बल्कि ये आलमी मेयारात के मुताबिक़ हैं।

माहिरीन के ग्रुप ने जिस की सदारत सी रंगा राजन ने की थी सुरेश तेंदुलकर कमेटी के ग़ुर्बत के तख़मीना से मुताल्लिक़ तरीका-ए-कार को रद‌ कर दिया था और कहा था कि हिंदुस्तान में ग़रीबों की तादाद बहुत ज़्यादा है और ये 2011- 12 में 29.5 फ़ीसद रही थी। रंगा राजन कमेटी के तख़मीना के मुताबिक़ हिंदुस्तान में हर 10 में 3 लोग ग़रीब हैं। जबकि तेंदुलकर कमेटी ने जो तरीका-ए-कार इख़तियार किया था इस में कहा गया था कि 2011- 12 में हिंदुस्तान में ग़ुर्बत की शरह 21.9 फ़ीसद थी।

रंगा राजन ने कहा कि वो नहीं समझते कि ग़ुर्बत के मुताल्लिक़ उन की कमेटी के आदाद-ओ-शुमार क़दामत पसंदाना हैं बल्कि ये उनके ख़्याल में वाजिबी हैं। उन्होंने कहा कि हम ने ग़ुर्बत के अंदाज़ों का आज़ादाना तख़मीना किया है। अपनी रिपोर्ट में रंगा राजन ने कहा था कि शहरी इलाक़ों में यौमिया 47 रुपये खर्चने वाले और देही इलाक़ों में यौमिया 32 रुपये खर्चकर‌ने वाले ग़रीब नहीं कहिलाए जाऐंगे।

उनके इस तख़मीना पर तनक़ीदं की जा रही हैं। रंगा राजन ने मज़ीद वज़ाहत करते हुए कहा कि आलमी बैंक की जानिब से भी क़ुव्वत ख़रीद को ज़हन में रखा जाता है। अक़ल तरीन अख़राजात यौमिया का जायज़ा लिया जाता है। आलमी बैंक की जानिब से यौमिया 2 डालर की बात कही गई है और हम ने अपना अंदाज़ा यौमिया 2.4 डालर का रखा है।

ऐसे में हम ये कह सकते हैं कि हम ने ग़ुर्बत के जो मेयारात का ताय्युन किया है वो आलमी मेयार के मुताबिक़ किया है। रंगा राजन ने वाज़िह किया कि जो फ़वाइद हैं वो ग़ुर्बत की सतह की बुनियाद पर नहीं तक़सीम किए जा रहे हैं जिस तरह फ़ूड सेक्यूरिटी क़ानून है जिस से मुल्क की 67 फ़ीसद आबादी को फ़ायदा हासिल हो रहा है।

उन्होंने वाज़िह किया कि माहिरीन मआशियात का ये एहसास है कि ये ग़ुर्बत को समझने की कोशिश है और ये जानने की कोशिश है कि मईशत किस तरह पेशरफ़त कर रही है। इसके इलावा इससे पालिसियों पर कोई असर नहीं होता। उन्होंने अवाम से कहा कि वो ग़ुर्बत की सतह को माहाना अख़राजात की बुनियाद पर देखें जो पाँच अफ़राद के ख़ानदान के लिए देही इलाक़ों में 4,860 रुपये और शहरी इलाक़ों में 7,035 रुपये होते हैं।