मुशर्रफ के किसमत का फैसला अदालत करेगी: नवाज शरीफ

पाकिस्तान के वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ ने मुशर्रफ मामले पर तब्सिरा करते हुए कहा कि मामला खुसूसी अदालत में ज़ेर् ए गौर है और अदालत ही उनकी किसमत का फैसला करेगी।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के साबिक सदर और फौजी सरबराह परवेज मुशर्रफ पर 2007 में आईन को मुअत्तल कर इमरजेंसी लगाने और सुप्रीम कोर्ट के जजों को हिरासत में लेने के लिए हुकूमत ए पाकिस्तान ने अदालत से मुशर्रफ के खिलाफ बगावत का मुकदमा चलाए जाने की मांग की थी।

जिसके ताल्लुक में अदालत ने मुशर्रफ को अदालत के सामने पेश होने का नोटिस भी जारी किया गया था। कोर्ट की आखिरी नोटिस पर पेशी के लिए जाते वक्त मुशर्रफ को दिल का दौरा पड़ गया था। हालत नाज़ुक होने पर उनके वकील ने मुशर्रफ को पाकिस्तान से बाहर ले जाने के लिए कोर्ट से मांग की थी।

जिसपर लाल मस्जिद के मौलवी मरहूम अब्दुल रशीद के बेटे हारुन रशीद ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दरखास्त दायर की है। दरखास्त में वज़ारत ए दाखिला को मुशर्रफ को बेहतर तिब्बी सहूलियात मुहैया कराने की हिदायत देने और उन्हें मुल्क से बाहर भेजने पर रोक लगाने की गुजारिश किया गया है।

आपको बता दें कि मुशर्रफ की तिब्बी रिपोर्ट ब्रिटेन के डॉक्टरों को भेजी गई है।

शरीफ ने मुशर्रफ के सेहत की बात करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि वो जल्द ही ठीक हो जाए। गुनाहगार साबित होने पर उन्हें उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है। साथ ही शरीफ ने कहा कि जम्हूरियत सबके लिए एक सा होता है। खाती साबित होने पर मुशर्रफ को उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है |