सुप्रीम कोर्ट ने जुमेरात को स्टिंग ऑपरेशन के मामले पर अदालती जांच कराने की मांग पर रियासती हुकूमत से जवाब तलब किया है साथ ही एक फिर्के के लोगों की तरफदारी करने के इल्ज़ाम पर भी जवाब देने की हिदायत दी है | एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के मद्देनजर अब आज़म खान की मुश्किलात बढ़ना तय माना जा रहा है |
सुप्रीम कोर्ट ने सपा की हुकूमत से कहा कि यह बेहद संगीन है इस पर आपको अलग से जवाब देना चाहिए अदालत इन इल्ज़मात को नजरअंदाज नहीं कर सकती है |
चीफ जस्टिस पी सदाशिवम की सदारत वाली बेंच ने रियासत की हुकूमत को दंगे से मुतास्सिर इलाके पर रिपोर्ट देने के साथ वकील मनोहर लाल शर्मा के उस दरखास्त पर भी जवाब तलब किया, जिसमें रियासती हुकूमत पर कई संगीन इल्ज़ाम आरोप लगाए गए हैं |
बेंच के सामने शर्मा ने इल्ज़ाम आइद किया कि मुजफ्फरनगर दंगा मामले में रियासती हुकूमत का किरदार जानिबदारी रहा है रियासी हुकूमत ने एक फिर्के के लोगों को पुलिस की हिरासत से उस वक्त रिहा करवा दिया, जब दंगे की आग सुलगनी शुरू हुई थी शर्मा ने कहा कि वज़ीर आजम खां पर मीडिया में चला स्टिंग ऑपरेशन इस बात की तस्दीक करता है |
वहीं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से पेश हुए सीनीयर वकील भीम सिंह ने भी स्टिंग ऑपरेशन की सीडी के बारे में बेंच को बताया, जो अदालत के सामने एससीबीए ने पेश की थी |
वहीं रियासत की हुकूमत के वकील ने बेंच को बताया कि विधानसभा में अपोजिशन लीडर ने यह मुद्दा उठाया था बेंच ने 17 अक्टूबर तक स्टिंग ऑपरेशन समेत दिगर ( दूसरे) मुद्दों पर जवाब दाखिल करने की हिदायत दी |