मुसलमान और दलित मुल्क की बड़ी सयासी क़ुव्वत

हैदराबाद 27 मई: वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया का भारेसा इंसानियत पर है और तमाम पसमांदा तबक़ात के इतेहाद के ज़रीये वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया मुल्क के सयासी निज़ाम में तबदीली लाने की जद्द-ओ-जहद करेगी।

क़ौमी सदर वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया मुज्तबा फ़ारूक़ ने आज निज़ाम कॉलेज ग्राउंड पर मुनाक़िदा आंध्र प्रदेश की रियास्ती सतह की पहली कांफ्रेंस से ख़िताब के दौरान ये बात कही।

उन्होंने बताया कि क़ौमी सतह पर दानिश्वरों का ये एहसास है कि मुसलमान पसमांदा तबक़ात के साथ इतेहाद और सयासी क़ुव्वत के ज़रीये ही अपने मुस्तक़बिल को रौशन बना सकते हैं।

इसी लिए वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया ने सयासी अदम इस्तिहकाम की सूरत-ए-हाल को ख़त्म करने के मक़सद से जद्द-ओ-जहद का आग़ाज़ किया है।

मुज्तबा फ़ारूक़ ने बताया कि मुल्क को एक नए सयासी निज़ाम की ज़रूरत महसूस होरही थी साथ ही साथ मुसलमानों की तरक़्क़ी के लिए ये ज़रूरी था कि वो सैकूलर इक़दार पर मबनी सियासत और अपने हुक़ूक़ को मनवाने के लिए आगे आएं।

वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया आंध्र प्रदेश की पहली रियास्ती कांफ्रेंस में क़ौमी सतह के क़ाइदीन प्रकाश अंबेडकर क़ासिम रसूल इलयास तस्लीम रहमानी के अलावा ज़फ़र उल-इस्लाम ख़ान ललीता नाएक‍ और दुसरें ने शिरकत की।

सदर लोक सत्ता पार्टी-ओ‍-रुक्ने एसम्बली जय‌ प्रकाश नारायण इन्क़िलाबी गुलूकार ग़दर डक्टर वनए कुमार के अलावा दुसरे क़ाइदीन ने भी इस जल्सा-ए-आम से मुख़ातब क्ये।

मुज्तबा फ़ारूक़ ने बताया कि मुसलमानों की पसमांदगी को दूर करने के लिए एक एसी पार्टी की शदीद ज़रूरत महसूस की जा रही थी जो मुसलमानों को दलितों और पसमांदा तबक़ात की तरह मुराआत दिलवा सकीं।

मोतसिम ख़ान रियास्ती सदर डब्लयू पी आई ने इस मौके पर अपने ख़िताब के दौरान कहा कि रियासत आंध्र प्रदेश में आइन्दा होने वाले तमाम चुनाव में वेलफेयर पार्टी आफ़ इंडिया अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी।

उन्होंने बताया कि वेलफेयर पार्टी ना सिर्फ़ चुनाव में हिस्सा लेगी बल्के अपनी जीत भी दर्ज करवाएगी। उन्होंने बताया कि रियासत‍ओ‍ मुल्क में अदम तवाज़ुन की सूरत-ए-हाल के ख़ातमे के लिए ये ज़रूरी हैके मसावात पर मबनी समाज की तशकील अमल में लाई जाये।

प्रकाश अंबेडकर कन्वीनर महाराष्ट्रा डेमोक्रेटिक फ्रंट ने इस कांफ्रेंस से ख़िताब के दौरान वेलफेयर पार्टी के क़ियाम को ख़ुश आइंद क़रार देते हुए कहा कि क़ौमी सयासी निज़ाम में मुसलमानों की कमी और उनके मसाइल की अदम यकसूई की जाएगी।