मुसलमान और मगरिबी बंगाल: अब्दुल हमीद अंसारी

मगरिबी बंगाल की सियासत में मुसलमानों का किरदार हमेशा से अहम रहा है। मुसलमानों ने हर किसी को इख़्तेदार‌ तक पहुंचाने में अहम किरदार निभाया है और इख़तेदार‌ से बेदखल करने में भी इसका रोल अहम माना जाता है। यही वजह है, सभी सियासी पार्टियां मुसलमानों को अपने तरफ‌ लाना चाहती है।

294 एसेम्बली हलके है, 68 SC के लिए और 16 ST के लिए रिजर्व है। 16 ST रिजर्व हलकों में मुसलमानों के कबिले भी शामिल हैं। 294 में 54 सिटे ऐसी है जो रिजर्व नहीं है, जहां मुसलमानों की तादाद 40%—89% तक है। SC की रिजर्व सिटो में 35 सिटे ऐसे हैं जहां मुसलमानों की आबादी 20%-30% है, जबकि 33 सिटो पर मुसलमान 20%-53% है।

ये फिगर्स बताते हैं कि मुसलमानों का किरदार कितना अहम रहने वाला है। मगरिबी बंगाल में इतने तादाद में मुसलमान होने के बावजूद एसेम्बली तक ज्यादा मुसलमान नहीं पहुंच पाते हैं, वजह सियासी पार्टियां इनके तादाद के मुताबिक इनको टिकट नहीं देते हैं। याद रहे कि 2016 में यहां एसेम्बली इलेक्शन होना है। फिलहाल मगरिबी बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है, ये सकार मुसलमानों के लिए काम करना चाहती है। ये फिगर्स जो दिये गये हैं, डा० ज़फर महमूद साहब के आर्टिकल से लिया गया फिगर्स है।