देशभक्ति साबित करने के लिए यह तर्क देना कि मुसलमान नहीं, नास्तिक है…. मेरी नजरों में एक बेहूदा तर्क है.
वह भी उस बिरादरी के लिए जिसने इस देश को सबसे शानदार सैनिक परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हामिद और ऐसे तमाम लोग दिए. देश का खजाना लूटने वाले टॉप 20 घोटालों में जिस बिरादरी का एक नाम नहीं है. तमाम बदनाम राष्ट्रविरोधी जासूसी कांडों में जिस बिरादरी का कोई नहीं रहा. बोफोर्स से लेकर पनडुब्बी और विमान आदि हथियार घोटाला कांडों में जिस बिरादरी का कोई नहीं. अभी सरकारी बैंकों से एक लाख 40 हजार करोड़ का जो पैसा कंपनियों को लुटाया गया, उसमें न किसी कंपनी का मालिक मुस्लिम है, न बैंकों के चेयरमैन.
वह बिरादरी सफाई की मुद्रा में क्यों है? इनमें ज्यादातर घोटाले और राष्ट्रविरोधी हरकतें हिंदू अपर कास्ट पुरुष कुकर्म हैं.
सबका है राष्ट्र. किसी की जागीर नहीं है. अपने धर्म का पाबंद हैं, तो इसमें दिक्कत क्या है?
Dilip C Mandal की फेसबुक वाल से
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