जम्मू: जम्मू-कश्मीर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव पीरजादा मोहम्मद अमीन शाह ने फिल्म दंगल में पहलवान की भूमिका निभाने वाली 16 वर्षीय जायरा वसीम को हिदायत देते हुए कहा कि जायरा अगर मुसलमान है तो उसे इस्लाम की शिक्षाओं पर अमल करना चाहिए. शाह सीधे तौर से महिलाओं आधुनिक कपड़ों पर चर्चा करते हुए पर्दा करने की तरफ इशारा कर रहे थे.
जनसत्ता के अनुसार, शाह ने अपने समर्थन में रामायण का हवाला देते हुए बहस में कहा कि जब हिन्दू मजहब के रामायण में सीता मैया लंका से वापस आईं तो उन्हें पहचानने के लिए उनके देवर को बुलाया गया लेकिन वो उन्हें पहचान नहीं सके. फिर उनहोंने सीता का हवाला देते हुए कहा ‘आज की नारी क्या है, उस वक्त की नारी क्या थी’.
निजी टीवी चैनल टाइम्स नाउ पर हुई इस बहस में शाह ने कहा, “अगर जायरा मुसलमान है और इस्लाम में यकीन रखती है तो उसे उसी अनुसार रहना चाहिए, कुरान की कमांडमेंट फॉलो करना चाहिए और मुसलमान की तरह रहना चाहिए. सिर्फ नाम होने से कोई मुसलमान नहीं हो जाता. जिन लड़कियों के लिए मैगजीन में सेक्सी और बॉम्ब सेल जैसे लफ्जों का इस्तेमाल होता है वो रोल मॉडल नहीं हो सकतीं. शाह ने मीडिया को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक मामूली बात को मुद्दा बनाने में मिडिया का बहुत बड़ा हाथ होता है.
बता दें कि जायरा जब जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिलने गईं तो लोगों को ये बात नागवार गुजरी और वो उनके बारे में टिका टिप्पणी करने लगे. ऐसे टिप्पणियों से परेशान होकर जायरा ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर माफी मांगते हुए कहा कि वो खुद को कश्मीरी युवाओं का रोल मॉडल नहीं मानती हैं. जायरा की पोस्ट सामने आने के बाद फिल्म अभिनेता आमिर खान और क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर ने सोशल मीडिया पर उन्हें तंग करने वालों की आलोचना की.