मुसाफ़िर किराया बरक़रार ,माल बर्दारी शरहों में इज़ाफ़ा

नई दिल्ली, 27 फरवरी (पी टी आई) रेलवे मुसाफिरेन के किराया में कोई इज़ाफ़ा नहीं किया गया लेकिन रेलवे बजट में आज 5.8 फ़ीसद माल बर्दारी शरहों में इज़ाफ़ा, रिज़र्वेशन और मुताल्लिक़ा चार्जस में इज़ाफ़ा की तजवीज़ पेश की गई जिससे रेलवे को सालाना 4683 करोड़ रुपये की इज़ाफ़ा आमदनी होगी।

रेलवे मालिया को साफ़ सुथरा बनाने की मुसलसल कोशिशों के तहत वज़ीर रेलवे पवन कुमार बंसल ने जो 17 साल बाद रेलवे बजट पेश करने वाले अव्वलीन कांग्रेसी वज़ीर हैं, इंधन की कीमत में इज़ाफ़ा को हरकियाती तौर पर इख्तेयार करते हुए उसे शरहों में इज़ाफ़ा से मरबूत कर दिया।

उनके पेशरू तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने गुज़श्ता सालेही तजवीज़ पेश की थी। बंसल ने कहा कि 5.8 फ़ीसद इज़ाफ़ा ग़िज़ाई अजनास , दालों , कोयला , लोहा, फ़ौलाद , यूरिया , ख़ाम लोहा , डीज़ल , केरोसीन, पकवान गैस का अहाता करेगा। सयासी पार्टियों को ख़ौफ़ है कि इसके नतीजा में इफ़रात-ए-ज़र में इज़ाफ़ा होगा।

यक्म अप्रैल से शुरू होने वाले एफ ए सी में शरहों में साल में दो बार इज़ाफ़ा की तजवीज़ पेश की गई है। जो डीज़ल की कीमत में इज़ाफ़ा से मरबूत होगा। इंधन की कीमत में किसी कमी के नतीजा में माल बर्दारी की शरहों में भी कमी की जा सकती है। हाई स्पीड डीज़ल को हुकूमत के कंट्रोल से आज़ाद करने के पेश नज़र रेलवे के मालिया को माक़ूल हद तक महफ़ूज़ बनाना ज़रूरी था और इस मक़सद के हुसूल के लिए इंधन की कीमतों के अख़राजात का एक निज़ाम क़ायम करना ज़रूरी था ।

लोक सभा में रेलवे बजट पेश करते हुए बंसल ने कहा कि मुसाफ़िर किराये में कोई इज़ाफ़ा नहीं किया गया है। गुज़श्ता माह इसमें इज़ाफ़ा से 6600 करोड़ रुपये हासिल होंगे। बजट में तरमीम की गई है, रिज़र्वेशनफीस और सप्लीमेंटरी चार्जस बराए सुपर फ़ास्ट ट्रेन में इज़ाफ़ा किया गया है जो सेकेंड क्लास के लिए 5 रुपये से 25 रुपये ए सी फर्स्ट क्लास और एग्ज़ीक्यूटीव क्लास के लिए होगा।

तत्काल चार्जस में स्लीपर क्लास के लिए 15 और एग्ज़ीक्यूटिव क्लास के लिए 100 रुपये इज़ाफ़ा होगा। क्लार्क केज और तंसीख़ के चार्जस में सेकेंड क्लास के लिए पाँच रुपये और एग्ज़ीक्यूटीव क्लास के लिए 50 रुपय इज़ाफ़ा होगा। बजट की तजावीज़ में इज़ाफ़ा शूदा रिज़र्वेशन फीस से दस्तबरदारी इख़्तेयार करने और पार्सल की कीमत में इज़ाफ़ा करने और लगेज की शरहों में इज़ाफ़ा की कोई तजवीज़ पेश नहीं की गई है।

ये तब्दीलियां यक्म अप्रैल से नाफ़िज़ उल-अमल होंगी। वज़ीर रेलवे ने कहा कि गुज़श्ता माह का फैसला जिसके तहत डीज़ल की कीमतों को हुकूमत के कंट्रोल से आज़ाद कर दिया गया, इससे रेलवे के 6600 करोड़ रुपये के फ़ायदा का निस्फ़ हिस्सा उसी की नज़र हो गया।

चुनांचे गुज़श्ता माह मुसाफ़िर किराया में इज़ाफ़ा किया गया था। चूँकि जारीया साल जनवरी में ऐसा किया गया था इसलिए वो मज़ीद बोझ डालना नहीं चाहते थे । हुकूमत अपने अकाउंट में 850 करोड़ रुपये का असर बर्दाश्त कर लेगा। उन्होंने माबाद बजट प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि उन्हें माल बर्दारी शरहों में और दीगर चार्जस में इज़ाफ़ा पर कोई शर्मिंदगी नहीं है।

बंसल ने कहा कि माल बर्दारी की शरहों में तरमीम सिर्फ़ 5 फ़ीसद है। रेलवे बोर्ड के सदर नशीन विनय मित्तल ने कहा कि ये 4.5 और 4.6 फ़ीसद के दरमियान होगी लेकिन बजट दस्तावेज़ात से ज़ाहिर होता है कि इज़ाफ़ा औसतन 5.8 फ़ीसद है। उन्होंने कहा कि माल बर्दारी में इज़ाफ़ा मज़ीद ख़र्च बराए इंधन की कीमत का अज़ाला कर देगा।

इसके नतीजा में रेलवे को कोई इज़ाफ़ा आमदनी नहीं होगी। अपोज़ीशन पार्टियों ने बजट तजावीज़ पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि इससे इफ़रात-ए-ज़र में इज़ाफ़ा होगा और आमदनी पर बोझ आइद होगा जबकि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और उनके काबीनी साथियों ने बजट की सताइश करते हुए उसे इस्लाह पसंद क़रार दिया।

इंडियन कारपोरेशन की राय बजट के बारे में मुनक़सिम थी। एक गोशा माल बर्दारी चार्जस में इज़ाफ़ा को इंधन की कीमत से मरबूत करने की सताइश कर रहा है जबकि दीगर अफ़राद का कहना है कि बाअज़ तजावीज़ तरक़्क़ी में मददगार साबित नहीं होंगी। अक्सर रियासतों को उन्हें नज़र अंदाज कर देने की शिकायत है।