वज़ीरे आज़म ऑस्ट्रेलिया टोनी एबॉट ने आज वाज़ेह पैग़ाम देते हुए कहा कि इंतिहाई दबाव के बावजूद भी वो अपने ओहदा से दस्तबरदार होने का कोई इरादा नहीं रखते। याद रहे कि उन्हों ने बर्तानिया के प्रिंस फ़्लिप को “टाईट हुड” दीए जाने की वकालत की थी जिस पर उन की क़ियादत को निशाना बनाते हुए उन से इस्तीफ़ा का मुतालिबा किया जा रहा है।
उन्हों ने मलिका विक्टोरिया दोम के कन्सार्ट को नाईट ऑफ़ दी आर्डर ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया बनाए जाने की वकालत की थी जिस के बाद उन की इत्तिहादी हुकूमत के हामी उन के मुख़ालिफ़ हो गए क्योंकि मुल्क में इंतिख़ाबी रायदेही की शरह में कमी, पॉलिसीयों की नाकामी और अवाम में ग़ैर मक़बूल बजट की वजह से पहले ही नाराज़गीयाँ पाई जाती हैं।
यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि एबॉट की लिबरल नैशनल इत्तिहादी पार्टी 2013 में मुनाक़िदा इंतिख़ाबात में बरसरे इक्तेदार आई थी।