पटना 28 मई : मुस्लिम कियादत में बिहार की वाहिद सियासी जमात की शकल इख्तियार कर रही जनता दल पार्टी के जवां साल रहनुमा अश्फाकुर्रहमान ने तमाम मक्तबे फिक्र और सियासी जमातों व मिली तंजीमों के रहनुमाओं से गुजारिश की है के मुल्क के मुख्तलिफ जेलों में बंद बेकसूर मुस्लिम नौज़वानो की रिहाई की लिए मुत्तहिदा प्लेटफॉर्म का दाग बैल डालें।
उन्होंने कहा के कराहती, बिल्बिलाती उम्मत के सामने आज सबसे संगीन मसला दहशतगर्दी के मुबय़्य़ना इलज़ाम में मुसलमानों को सलाखों के पीछे डालने की मुनज्ज़िम साजिश और बाइज्ज़त बरी होने के इमकान से क़ब्ल मुस्लिम कैदियों का कत्ल कर देना है।
आज बहुत ज्यादा जरुरत इस बात की है के हम कैसे कौम के माथे पर चस्पां कर दिए गए दहशतगर्दी का कलंक को मिटा कर फिरका परस्त लोगों को मुहतोड़ जवाब दे सकें और अपने बच्चों की रिहाई का रास्ता हमवार कर सकें। वोट बैंक की खातिर मुल्क की सभी सियासी जमातें मुसलमानों के सामने आंसू टपकाने के लिए तैयार तो हो जाती है लेकिन अंदरुन खाना में सभी मुसलमानों के खिलाफ साजिश में मसरूफ है।
अश्फाकुर्रहमान कहते हैं के तमाम शोबा ए हयात में ठोकर खाने के बाद भी मिल्लत संभलने की कोशिश नहीं कर रही है। जब कौमी जम्हूरी महाज और तरक्की पसंद इत्तेहाद अलग-अलग नजरियात की 24 -24 पार्टियों के साथ मरकज़ में हुकूमत कर सकती हैं तो कम अज कम मुश्तरका प्रोग्राम के तहत मुस्लिम तंजीमें, उलेमा, दानिश्वर हजरात एक प्लेटफॉर्म पर क्यों नहीं आ सकते? जब के हम एक खुदा, एक रसूल, एक कुरान के मानने वाले हैं। अगर मुस्लिम नौज़वानों की रिहाई की लड़ाई मुनज्जिम तरीक़े से लड़ी गई तो वो दिन दूर नहीं जब एक-एक कर हमारे बच्चे जेलों से बाइज्जत बरी हो जायेंगे और हम फिरका परस्ती व भगवा दहशतगर्दी के खिलाफ मुल्क में लहर पैदा कर सकेंगे।
मिल्लत की शिनाख्त की हिफाज़त के साथ सेकुलारिज़म की सर बुलंदी की ज़िम्मादारी भी हमारे ऊपर आयिद होती है। हम सेकुलारिज़म के परचम को आगे कर के ही केसरिया नजरियात को मात दे सकते हैं। मिल्ली तंजीमों और मजहबी पेशवाओं से हम दरख्वास्त करते हैं के जल्द अज जल्द जेलों में बंद मुस्लिम कैदियों के क़त्ल के खिलाफ और मुस्लिम नौजवानों की रिहाई के लिए मुताहिदा प्लेटफॉर्म बनाने की पहल तेज़ करें। इंशा अल्लाह पुरे मुल्क में मुत्तहिदा प्लेटफॉर्म का मुसलमानों पर जोश खैर मकदम करेंगे।