मुस्लिम नौजवानों को मुआवज़ा किस बुनियाद पर दिया गया ?

हैदराबाद 02 जुलाई: चीफ जस्टिस कल्याण ज्योति सेनगुप्ता और जस्टिस जी रूहीनी पर मुश्तमिल आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट की एक डवीज़न बंच ने आज रियासती हुकूमत को हिदायत दी कि वो एक हलफनामा दाख़िल करते हुए वज़ाहत करे कि इन मुस्लिम नौजवानों को किस बुनियाद पर मुआवज़ा दिया गया जिन्हें मक्का मस्जिद बम धमाकों के केस में माख़ूज़ किया गया था और बाद में उन्हें बरी करदिया गया।

बेंच ने एस वेंकटेश गौड़ की तरफ से दाख़िल करदा मफ़ाद-ए-आम्मा की एक दरख़ास्त की समाअत करते हुए ये हिदायत दी। वेंकटेश गौड़ ने अपनी दरख़ास्त में हुकूमत की तरफ से मुस्लिम नौजवानों को मुआवज़ा की अदाएगी के मेमो को चैलेंज किया है।

बेंच ने सवाल किया कि हुकूमत ने अदालतों की तरफ से इन नौजवानों को बरी किए जाने की बुनियाद पर किस क़ानून के तहत मुआवज़ा जारी किया है।

बेंच ने ये भी जानना चाहा कि आया किसी अदालत ने इन नौजवानों को बरात के बाद मुआवज़ा अदा करने का हुक्म दिया था ?। बेंच ने हुक्काम से कहा कि वो माबक़ी मुआवज़ा की अदाएगी रोक दें और अदालत में एक रिपोर्ट दाख़िल करते हुए वज़ाहत की जाये कि किस क़ानून के तहत उन्हें मुआवज़ा दिया गया है। हुकूमत को जवाब दाख़िल करने दो हफ़्तों का वक़्त दिया गया है।