मुस्लिम नौजवानों ने योगा में करियर बनाने के लिये छोडी नौकरी

अहमदाबाद: मुल्कभर में 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मुनाकिद किया जा रहा है और ऐसे में जबर्दस्त तैयारियां चल रही है और कुछ मुस्लिम तंज़ीम इसकी मुखालिफत कर रही है। ऐसे में दो मुस्लिम नौजवानो ने जो कारनामा कर दिखाया है, उसको सुनकर आप भी चौंक जाओगे।

मुस्लिम मज़हब से ताल्लुक रखने वाले दो नौजवानो ने योगा को अपना करियर बनाने के लिए नौकरी छोड दी। दोनों नौजवानो ने योगा को साइंस और तर्ज़ ए ज़िंदगी (Science and Lifestyle) का अहम हिस्सा मानते हुए ऐसा किया है। दोनों मुस्लिम दोस्त ने योगा को ही अपना करियर बनाने का फैसला किया है।

दोनों दोस्तों मानना हैं कि योगा को इस्लाम‍ मुखालिफ कहा जाना ठीक नहीं है। 3-डी एनिमेशन में डिप्लोमा करने के बाद इमरान ने बीएससी (योगा) में दाखिला लिया है। वहीं उनके दोस्त राजवी एम कॉम करने के बाद सीए फाइनलिस्ट हैं और योगा थेरेपी में पोस्ट ग्रैजुएशन में दाखिला लिया है।

राजवी भी योगा से काफी मुतास्सिर हैं। उन्होंने ने कहा कि मैंने योग डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया है। मेरी खाहिश योगा साइंस में एमएससी और पीएचडी करने की है। राजवी की खाहिश एक योगा इंस्टिट्यूट खोलने की है। राजवी ने कहा कि योगा एक साइंस है, ज़िंदगी जीने का एक तरीका है।

मज़हब को इससे जोडने से बचना चाहिए। लकुलिश यूनिवर्सिटी के डीन और डायरेक्टर आरजे जाडेजा का कहना है कि पहली बार किसी मुसलमान ने योग कोर्स में दाखिला लिया है।