मुस्लिम मुखालिफ नहीं थे सरदार पटेल: आडवाणी

बीजेपी लीडर लाल कृष्ण आडवाणी ने मंगल के रोज़ इन इल्ज़ामात को गलत बताया कि सरदार पटेल मुस्लिम मुखालिफ थे और इस ताल्लुक में एक इस्लामी आलिम और कांग्रेस लीडर रफीक जकारिया को हवाला दिया जिन्होंने सरदार पटेल की कौमपरस्ती को उजागर करने के लिए उनपर तहकीक किया है |

आडवाणी ने अपने ब्लॉग में एक कौमी मैग्ज़ीन में छपे एक मसख मज़मून (Distorted Articles) पर हैरत जताई, जिसमें मजमून का हवाला देते हुए पटेल को मुस्ताआल फिर्कापरस्त ( Raging sectarian) शख्सियत और जवाहरलाल नेहरू को सेक्युलर परस्ती कि अलामत का तमगा दिया गया है |

मज़मून में कहा गया है कि यही वजह है कि संघ परिवार एक की पूजा करता है और दूसरे से नफरत करता है बीजेपी के बुजुर्ग लीडर ने इस बात से पूरी तरह इंकार करते हुए इसके जवाब में जकारिया के ख्याल पेश किए, जिन्हें हिंदुस्तानी मुस्लिमों से जुड़े मौजू का महारथी माना जाता है |

जकारिया के लेक्चर पर मबनी उनकी किताब सरदार पटेल एंड इंडियन मुस्लिम का हवाला देते हुए आडवाणी ने कहा कि कांग्रेस के लीडर भी इसी ख्याल में थे कि पटेल मुस्लिमों को पसंद नहीं करते थे | जकारिया ने लिखा है कि मैं सोचता था कि वह (पटेल) मुस्लिम मुखालिफ हैं |

क्या मैं सही हूं यह पता लगाने के लिए मैंने उनकी याद में मुनाकिद लेक्चरों का मुताआला किया, जिसमें उनके बारे में तंकीदी नुक्ता नज़र भी हो सकता था |

आडवाणी ने जकरिया की किताब के हवाले से अपने ब्लॉग में लिखा, मैंने जितना खोजा, उतना ही ज्यादा मैं इस बात को लेकर यकीन होता गया कि कई पहलुओं से सरदार पटेल को गलत समझा गया है और हिंदुस्तानी भारतीय मुस्लिमों की तरफ उनके रवैये को लेकर गलत फहमियां हैं, जिन्हें हटाने की जरूरत है |

मुझे खुशी है कि मैं अपनी तसल्ली की हद तक ऐसा करने में कामयाब रहा | जकरिया का कहना है कि हिंदुस्तान के साबिक अटार्नी जनरल फली नरीमन ने उन पर लिखा है कि उन्हें उनके लेक्चर सुनकर मज़ा आता था, मुंबई हाई कोर्ट के जस्टिस चपलगांवकर का भी कुछ ऐसा ही ख्याल है |

जकरिया लिखते हैं कि बहुत से और लोगों का भी ख्याल है कि मैं हिंदुस्तानी मुस्लिमों की तरफ पटेल के रवैए का सही तहकीकात करने में कामयाब रहा, जिसकी फिर्कापरस्ती जहर से आलूदा हो चुके मौजूदा हालात में भी बहुत जरूरत है | बीजेपी के वज़ीर ए आज़म ओहदे के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के पटेल की विरासत का दावा करने की कोशिशों ने हाल के महीनों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक नयी बहस छेड़ी है, जिसमें मोदी का मानना है कि नेहरू के मुकाबले पटेल एक बेहतर वज़ीर ए आज़म साबित होते |