पटना : सितंबर-अक्टूबर में मुमकिना बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब में एनडीए और जदयू-राजद-कांग्रेस के अजीम इत्तिहाद के दरमियान कड़ा मुकाबला होने की इमकान जतायी जा रही है। ऐसे में इंतिख़ाब में अजीम इत्तिहाद को पटखनी देने और अपनी जीत यकीन दिहानी करने के मक़सद से एनडीए वजीरे आजम नरेंद्र मोदी के तरक़्क़ी के वादे और नौजवानों के दरमियान उनकी दरख्वास्त के साथ मुस्लिम-यादव फोर्मूले के बिगड़ने पर भरोसा कर रही है। एनडीए में शामिल अहम घटक दल लोजपा सरबराह और मरकज़ी वज़ीर रामविलास पासवान को इस बात का पूरा यकीन है कि बिहार की सियासत में बदलाव का वक्त आ गया है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार इंतिखाब के लिए वजीरे आला नीतीश कुमार और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल के हाथ मिला लेने से किसी तरह का नुकसान होने के आसार को खारिज किया है।
मरकज़ी वज़ीर रामविलास पासवान ने कहा कि बिहार के वजीरे आला नीतीश कुमार राजद सरबराह लालू प्रसाद यादव के साथ इत्तिहाद के दाग धोने की कोशिश कर रहे हैं और नौजवानों के दरमियान आप लीडर केजरीवाल की अपील दिल्ली के बाहर नहीं हैं। पासवान ने कहा कि इंतेहाई पसमानदा तबके के लोगों के दरमियान नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के मुस्लिम यादव फोर्मूले के मुकाबले भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए का अवामी रुझान कम है, यह सोच सही नहीं है। इसके साथ ही पासवान ने इस इल्ज़ाम को सिरे से खारिज कर दिया कि एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी एनडीए की शह पर बिहार इंतिख़ाब में घुस रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि हैदराबाद के एमपी ओवैसी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगायेंगे। इससे मुखालिफीन के लिए मुस्लिम यादव फोर्मूले को बरकरार रखना मुश्किल हो जायेगा। उन्होंने कहा, लालू और नीतीश ने बिहार में अब तक मुस्लिमों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है।
इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी आइंदा बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब में 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। पासवान ने कहा, मुस्लिम यादव फोर्मूले इस बार टूटेगा और यादव लालू प्रसाद के लिए जमकर वोट नहीं करेंगे। भाजपा के पास भी रामकृपाल यादव और नंदकिशोर यादव जैसे यादव लीडर हैं। बिहार में बहुत सारे यादव लीडर हैं और भाजपा को उनके जरिए बड़ी तादाद में यादवों का वोट मिलेगा। पासवान ने यह भी कहा, लालू के पंद्रह साल और नीतीश कुमार के दस साल के इक्तिदार में मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया गया है। ऐसे में ओवैसी रियासत के सीमांचल में अच्छी-खासी भीड़ जुटा रहे हैं। उनके प्रोग्राम में भीड़ जुटना इस बात का इशारा है कि मुसलमानों का लालू और नीतीश से मोहभंग हो गया है और इससे एनडीए को मदद मिलेगी।